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बिहार विधानसभा का मानसून सत्र: विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 2025 आज हंगामे के साथ शुरू हुआ। विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने काले कपड़े पहनकर और तख्तियां लेकर नारेबाजी की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष को भी रोका गया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। विपक्ष ने राज्य में बढ़ते अपराध और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानें इस सत्र में आगे क्या होगा और सरकार और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति कैसे विकसित होती है।
 

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 2025

बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 2025: आज बिहार विधानसभा का मानसून सत्र हंगामे और राजनीतिक गर्माहट के बीच आरंभ हुआ। विपक्षी दलों ने सत्र की शुरुआत से पहले विधानसभा परिसर के पोर्टिको के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामा इतना बढ़ गया कि विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव को अंदर जाने से रोका गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मार्शलों को काफी मेहनत करनी पड़ी, तब जाकर वे अध्यक्ष को भीतर ले जाने में सफल हुए।


विरोध के कारण

विपक्ष ने राज्य में बढ़ते अपराध, खराब कानून व्यवस्था और चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के पुनःनिरीक्षण को लेकर सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। विपक्षी नेताओं का कहना है कि मतदाता सूची की जांच एक साजिश है, जिसे उन्होंने 'नोटबंदी के बाद अब वोटबंदी' करार दिया। उनका आरोप है कि दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और गरीब तबके के लोगों से मतदान का अधिकार छीना जा रहा है।


काले कपड़े और तख्तियों के साथ विरोध

प्रदर्शनकारी नेता काले कपड़े पहनकर और हाथों में तख्तियां लेकर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए नजर आए। उन्होंने 'हाय-हाय सरकार' और 'लोकतंत्र की हत्या बंद करो' जैसे नारे लगाए। इस दौरान उन्होंने न केवल मीडिया से बात की, बल्कि सत्ताधारी दल के विधायकों और मंत्रियों का रास्ता भी रोका।


मार्शलों का बीच-बचाव

पोर्टिको के बाहर धरने पर बैठे विपक्षी नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष को घेरने का प्रयास किया, जिससे स्थिति असामान्य हो गई। विधानसभा अध्यक्ष को अंदर पहुंचाने के लिए सुरक्षा कर्मियों और मार्शलों को बीच-बचाव करना पड़ा। इस घटनाक्रम ने मानसून सत्र की शुरुआत को ही विस्फोटक बना दिया है। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच यह टकराव कितना बढ़ता है। महागठबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस सत्र को मुद्दों के जरिए सरकार को घेरे बिना नहीं छोड़ेंगे।