बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कांग्रेस की चुनौती और संभावनाएं
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस की स्थिति
Bihar Elections 2025: कांग्रेस पार्टी, जो भारत की सबसे पुरानी और प्रमुख राजनीतिक पार्टी मानी जाती है, ने बिहार सहित कई राज्यों में अपनी मजबूत उपस्थिति बनाए रखी है। हालांकि, बांका जिले में कांग्रेस की स्थिति काफी कमजोर रही है। पिछले तीन दशकों में, पार्टी यहां एक भी विधानसभा सीट जीतने में असफल रही है। विशेष रूप से लालू यादव के मुख्यमंत्री बनने के बाद, कांग्रेस की स्थिति बांका में और भी कमजोर हो गई, और इसके बाद हुए आठ विधानसभा चुनावों में पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस की पिछली जीतें और हार
कांग्रेस की अंतिम बड़ी जीत 1985 में हुई थी, जब पार्टी ने बांका की सभी पांच सीटों पर विजय प्राप्त की थी। उस समय बांका, भागलपुर जिले का हिस्सा था। 1985 से पहले भी कांग्रेस का प्रदर्शन बांका में उत्कृष्ट रहा था। लेकिन 1990 के विधानसभा चुनाव में पार्टी का विजय रथ रुक गया। इस चुनाव में कांग्रेस के तीन प्रमुख नेता अमरपुर, धोरैया और बांका की सीटें हार गए, और इसके बाद से पार्टी को बांका में कोई बड़ी जीत नहीं मिली।
2010 और 2020 में कांग्रेस की कोशिशें
2010 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सभी पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। सभी उम्मीदवार चुनाव हार गए और उनकी जमानत भी जब्त हो गई। इसके बाद, 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के साथ गठबंधन कर कांग्रेस ने फिर से अपनी किस्मत आजमाई। इस बार अमरपुर से जितेंद्र सिंह को मैदान में उतारा गया, लेकिन वह भी हार गए। हालांकि, उन्हें 50 हजार वोट मिले, जबकि JDU के जयंत राज ने 53 हजार वोट लेकर जीत हासिल की।
क्या कांग्रेस इस बार बांका में जीत पाएगी?
अब 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस अपनी पूरी ताकत लगा रही है। कंचना कुमारी सिंह, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने कहा कि 35 साल बाद बांका जिले में सीट जीतने का यह सबसे बड़ा अवसर हो सकता है। खासकर अमरपुर सीट पर कांग्रेस का दावा मजबूत है, क्योंकि पिछले चुनाव में केवल 3 हजार वोट से हार हुई थी। पार्टी इस बार चुनावी मैदान में पूरी ताकत के साथ उतरेगी और हर सीट पर मजबूत लड़ाई लड़ेगी।