बिहार विधानसभा चुनाव 2025: कुशवाहा समाज पर जेडीयू की नजर, उमेश कुशवाहा की वापसी की संभावना
बिहार में चुनावी हलचल
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस बार एक महत्वपूर्ण रणनीति अपनाई है। पार्टी ने 'K फैक्टर' यानी कुशवाहा समाज को ध्यान में रखते हुए चुनावी योजना बनाई है। पिछले चुनाव में मिली हार से सीख लेते हुए, जेडीयू ने पहले से ही कई उम्मीदवारों को लगभग तय कर लिया है।
जेडीयू के नए चेहरे
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जेडीयू इस बार ऐसे उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की योजना बना रही है, जो नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं और अपने क्षेत्रों में मजबूत स्थिति रखते हैं। सूत्रों के अनुसार, जेडीयू इस बार कुशवाहा समाज से कम से कम 16 उम्मीदवारों को उतारने का इरादा रखती है।
उमेश कुशवाहा की संभावित वापसी
उमेश कुशवाहा फिर से चुनावी मैदान में उतरेंगे?
नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी उमेश कुशवाहा का नाम फिर से चर्चा में है। 2015 में उन्होंने महनार सीट से बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन 2020 में आरजेडी की वीणा देवी से हार गए थे। अब यह माना जा रहा है कि उन्हें फिर से टिकट मिलने की संभावना है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वे महनार से ही चुनाव लड़ेंगे या किसी नई सीट पर।
भगवान सिंह कुशवाहा का राजनीतिक सफर
भगवान सिंह कुशवाहा का राजनीतिक अनुभव
भगवान सिंह कुशवाहा का राजनीतिक अनुभव काफी व्यापक है। 1990 से अब तक वे कई पार्टियों से चुनाव लड़ चुके हैं। वर्तमान में वे जेडीयू में वापस आ चुके हैं और एमएलसी हैं। खबरें हैं कि जेडीयू उन्हें एक बार फिर से जगदीशपुर विधानसभा से टिकट देने की योजना बना रही है।
जयंत राज को फिर से मौका
जयंत राज की संभावित उम्मीदवारी
जनार्दन मांझी के बेटे जयंत राज ने 2020 में अमरपुर सीट से कांग्रेस के जितेंद्र सिंह को हराया था। पहली बार विधायक बनने के बावजूद नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री पद से नवाजा। अब उन्हें एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा हो रही है।
अन्य संभावित उम्मीदवार
इन नामों पर भी चर्चा
इसके अलावा संतोष कुशवाहा (जहानाबाद), नंदकिशोर कुशवाहा (पाली) और रामसेवक सिंह कुशवाहा जैसे नामों पर भी चर्चा हो रही है। इन सभी नेताओं को उनके क्षेत्रों में अच्छा समर्थन प्राप्त है।
कुशवाहा समाज पर ध्यान क्यों?
कुशवाहा समाज पर विशेष ध्यान
लोकसभा चुनाव 2024 में राजद ने कुशवाहा और वैश्य वोट बैंक में सेंधमारी कर NDA को बड़ा नुकसान पहुँचाया था। शाहाबाद क्षेत्र की चारों सीटें NDA के हाथ से निकल गईं, जिसमें काराकाट, सासाराम, आरा और औरंगाबाद शामिल हैं। इसके अलावा जेडीयू के दो सांसद भी चुनाव हार गए। इस हार ने NDA को सतर्क कर दिया है और अब विधानसभा चुनाव में कुशवाहा समुदाय को साधने की पूरी तैयारी की जा रही है।