बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन की नई रणनीति और उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी
Bihar Assembly Elections 2025: आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए विपक्षी महागठबंधन ने सीट बंटवारे और सत्ता के समीकरण को लेकर अपनी योजना तैयार कर ली है। सूत्रों के अनुसार, यदि गठबंधन सत्ता में आता है, तो तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की जाएगी, जिनमें दलित, मुस्लिम और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के नेता शामिल होंगे। मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव को गठबंधन का चेहरा माना जा रहा है, जो पिछड़े वर्ग से हैं और पहले भी दो बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। हालांकि, सहयोगी दलों ने अभी तक उनके नाम की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
सीट बंटवारे की योजना
सीट बंटवारे का फार्मूला लगभग तय हो चुका है। आरजेडी 125 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 50-55 सीटों पर और वाम दल लगभग 25 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। शेष सीटें अन्य सहयोगी दलों जैसे वीआईपी, लोक जनशक्ति पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच बांटी जाएंगी। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि यह फार्मूला तेजस्वी यादव की मास्टरस्ट्रोक रणनीति का हिस्सा है, जो यादव-केंद्रित छवि को बदलकर दलितों, अति पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को सत्ता में भागीदारी देने का संकेत देता है। कांग्रेस ने इसे राहुल गांधी के सामाजिक समावेशन के संदेश के अनुरूप बताया है।
उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की रणनीति
उपमुख्यमंत्री की रणनीति
तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति का प्रस्ताव सामाजिक न्याय और समावेशन की राजनीति को मजबूत करने का संकेत है। वीआईपी प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि यह फार्मूला तेजस्वी की दूरदर्शिता को दर्शाता है। गुरुवार शाम तक तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किए जाने की संभावना है।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय लोक मोर्चा और जन सुराज पार्टी के नेताओं ने महागठबंधन की इस घोषणा को चुनाव से पहले का झूठा संदेश करार दिया है। उनका मानना है कि इतने बड़े पैमाने पर सत्ता बंटवारा नौकरशाही में आंतरिक प्रतिद्वंद्विता को जन्म दे सकता है और गठबंधन के प्रभुत्व को कमजोर कर सकता है।
बिहार में उपमुख्यमंत्रियों का इतिहास
बिहार में उपमुख्यमंत्रियों का इतिहास
बिहार में अब तक कुल 10 उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। अनुग्रह नारायण सिन्हा ने 11 साल से अधिक समय तक सह-शासन का मॉडल स्थापित किया। अन्य नेताओं ने अल्पकालिक कार्यकाल में इस पद को संभाला। तेजस्वी यादव ने 2015 से 2025 के बीच महागठबंधन सरकारों में दो कार्यकालों में कुल तीन साल से अधिक समय तक उपमुख्यमंत्री पद संभाला।
विश्लेषक की राय
विश्लेषक की राय
पटना के राजनीतिक विश्लेषक धीरेंद्र कुमार के अनुसार, उपमुख्यमंत्री का पद राजनीतिक संतुलन और सामाजिक समीकरण साधने का औजार होता है। तीन उपमुख्यमंत्री का फार्मूला तेजस्वी यादव को कई स्तरों पर लाभ पहुंचा सकता है और दलित, पिछड़े और मुस्लिम वर्गों को सत्ता में भागीदारी का भरोसा देगा.