×

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन की बैठक से पहले माले का सीटों पर दावा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच, भाकपा माले ने 40 से 45 सीटों पर चुनावी तैयारी का दावा किया है। महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने आगामी महागठबंधन बैठक में सीटों और साझा एजेंडे पर चर्चा की बात कही है। इसके साथ ही, पार्टी 'बदलो सरकार, बदलो बिहार' अभियान चलाने की योजना बना रही है। जानें इस चुनावी माहौल में वाम दलों की सक्रियता और उनकी रणनीतियों के बारे में।
 

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। महागठबंधन की 12 जून को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने अपनी सीटों के संबंध में दावा पेश किया है। पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि माले राज्य की 40 से 45 सीटों पर चुनावी तैयारी कर रही है।


दीपांकर ने पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा, 'हमने 40 से 45 सीटों पर पूरी तैयारी कर रखी है। हम जनता के मुद्दों को लेकर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि 12 जून की महागठबंधन बैठक में सीटों और साझा एजेंडे पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।


बदलो सरकार, बदलो बिहार यात्रा

बदलो सरकार, बदलो बिहार यात्रा


माले महासचिव ने यह भी घोषणा की कि 12 से 27 जून के बीच पार्टी 'बदलो सरकार, बदलो बिहार' अभियान चलाएगी। पार्टी चार प्रमुख क्षेत्रों में यात्राएं निकालेगी और 11 से 14 जून तक विभिन्न स्थानों पर जनसभाएं आयोजित करेगी, जहां वरिष्ठ नेता जनता से संवाद करेंगे।


भट्टाचार्य ने कश्मीर के पहलगाम और 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसे राष्ट्रीय मुद्दों पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, 'इन गंभीर विषयों पर संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवाधिकार से जुड़े मामलों पर खुली बहस हो सके।'


संसद के विशेष सत्र की मांग

संसद के विशेष सत्र की मांग


भाकपा माले नेता ने हाल ही में माओवादी नेताओं की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि इस विषय पर पांच वाम दलों ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है और गिरफ्तारी अभियान पर रोक लगाने की मांग की है।


बिहार की राजनीति में वाम दलों की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। भाकपा माले का 45 सीटों पर दावा न केवल आगामी चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है, बल्कि महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर खींचतान भी पैदा कर सकता है।