बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए में खींचतान और चिराग पासवान की मांग
बिहार में चुनावी हलचल
बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है। चुनाव आयोग की टीम अपनी योजनाओं पर काम कर रही है, जबकि राजनीतिक दल अपनी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस बीच, सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए में खींचतान की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जब एक गठबंधन में पांच पार्टियां शामिल हों, तो आपसी मतभेद होना स्वाभाविक है। लेकिन भाजपा ने 45 विधायकों वाले नेता को मुख्यमंत्री बनाया है, और दो छोटी पार्टियों के नेताओं को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी है, फिर भी खींचतान का होना एक असामान्य स्थिति है। इस संदर्भ में कई साजिशों की चर्चा भी हो रही है।
चिराग पासवान की स्थिति
चिराग पासवान ने 40 सीटों की मांग की है, जिसे भाजपा ने ठुकरा दिया है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में खुद को उम्मीदवार घोषित किया है। हाल ही में, वे नीतीश कुमार से मिले थे और तब से यह कह रहे हैं कि बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है। उनका कहना है कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले चुनाव में चिराग ने नीतीश के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे, जिससे नीतीश को हार का सामना करना पड़ा। अब वे नीतीश के समर्थन में क्यों खड़े हो रहे हैं? चिराग को मिलने वाली सीटें मुख्यतः जनता दल यू के कोटे से होंगी, क्योंकि पिछली बार उनकी पार्टी ने 134 सीटों पर चुनाव लड़ा था।
उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी की खबरें भी सामने आ रही हैं। उन्हें भाजपा की ओर से तीन-चार सीटों का प्रस्ताव दिया जा रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के बिक्रमगंज में सभा की, लेकिन उन्होंने कुशवाहा का नाम नहीं लिया, जो कि कुशवाहा के समर्थकों के लिए चिंता का विषय है। कुशवाहा ने कहा है कि सभी एक ही नाव में सवार हैं, और अगर नाव डूबती है, तो सभी प्रभावित होंगे। गठबंधन की दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और जदयू के बीच सीटों को लेकर सहमति नहीं बन रही है। जदयू के नेता अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि भाजपा ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित नहीं किया है।