बिहार विधानसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में उपचुनाव की तैयारी: क्या हैं संभावनाएं?
चुनावों की तैयारियों में तेजी
चुनावों का माहौल: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। चुनाव आयोग अगले महीने के अंत तक चुनावों की घोषणा कर सकता है। इस बीच, यह भी संभावना जताई जा रही है कि जम्मू-कश्मीर की दो विधानसभा सीटों के उपचुनाव भी इसी समय घोषित किए जा सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर की खाली सीटों पर चुनाव कब?
सूत्रों के अनुसार, पिछले साल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुए थे। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दोनों सीटों से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। उन्होंने गांदरबल से विधायक बने रहने का निर्णय लिया, जबकि बडगाम की सीट छोड़ दी। इसके अलावा, नगरोटा विधानसभा सीट के विधायक देवेंद्र सिंह राणा का निधन हो गया था, जिससे यह सीट भी खाली हो गई।
जनप्रतिनिधित्व कानून का प्रावधान
जनप्रतिनिधित्व कानून के सेक्शन 151A के अनुसार, किसी सीट के खाली होने पर छह महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है। यदि यह संभव न हो तो केंद्र सरकार की सलाह पर इसे अतिरिक्त छह महीने के लिए टाला जा सकता है। पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ उपचुनाव कराने की योजना थी, लेकिन सुरक्षा कारणों और पहलगाम आतंकी हमले के चलते यह टल गया। अब बिहार विधानसभा चुनाव के साथ इन सीटों पर मतदान कराने की योजना है.
राज्यसभा की लंबित सीटों पर चुनाव की संभावना
राज्यसभा चुनाव की स्थिति
इसके अलावा, राज्यसभा की चार लंबित सीटों पर भी चुनाव कराने की संभावना है। इन सीटों का कार्यकाल फरवरी 2021 में समाप्त हो गया था, लेकिन अब तक चुनाव नहीं हो पाए हैं। इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी शामिल हैं। वर्तमान में, वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं और कांग्रेस से दूरी बना चुके हैं।
राज्यसभा चुनाव में भाजपा और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख भूमिका निभा सकती हैं। यह देखना होगा कि इन सीटों पर किस पार्टी की ओर से उम्मीदवार उतारे जाते हैं और राजनीतिक समीकरण कैसे बनते हैं।