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बिहार विधानसभा चुनाव: राजद ने मतदान में बाधा का लगाया आरोप

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आरोप लगाया है कि महागठबंधन के बूथों पर जानबूझकर बिजली काटी जा रही है, जिससे मतदान की गति धीमी हो रही है। निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी मतदान केंद्रों पर प्रक्रिया सुचारू है। जानें इस मामले में और क्या कहा गया है और मतदान के आंकड़े क्या हैं।
 

राजद के आरोप और निर्वाचन आयोग का खंडन

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के दौरान, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने यह आरोप लगाया है कि महागठबंधन के मजबूत मतदान केंद्रों पर जानबूझकर बिजली काटी जा रही है, जिससे मतदान की गति धीमी हो रही है। हालांकि, निर्वाचन आयोग ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। 


राजद ने अपने 'एक्स' पोस्ट में कहा कि पहले चरण की वोटिंग के दौरान महागठबंधन के बूथों पर जानबूझकर मतदान को धीमा करने के लिए बिजली काटी जा रही है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि ऐसी धांधली और दुर्भावनापूर्ण इरादों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।


बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सोशल मीडिया पर इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ये आरोप पूरी तरह से निराधार और भ्रामक हैं। उन्होंने बताया कि बिहार में सभी मतदान केंद्रों पर मतदान सुचारू रूप से चल रहा है और निर्वाचन आयोग सभी मानक प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है।


निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदान की प्रक्रिया पर सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी रखी है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और अन्य चुनाव आयुक्त ने पहली बार सभी मतदान केंद्रों में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के लिए चुनाव आयोग के नियंत्रण कक्ष का दौरा किया।


वर्तमान में, बिहार के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए पहले चरण का मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हो चुका है। शुरुआती घंटों में 27.65 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है। बेगूसराय में 11 बजे तक सबसे अधिक 30.37 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि पटना जिले में सबसे कम 23.71 प्रतिशत वोट पड़े हैं।


चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, गरखा विधानसभा सीट पर सुबह 11 बजे तक 33.70 प्रतिशत वोट डाले गए हैं। इसके अलावा, 12 अन्य सीटों पर 30 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है, जिनमें चेरिया बरियारपुर (33.32 प्रतिशत), पारू (32.81 प्रतिशत), और मीनापुर (32.46 प्रतिशत) शामिल हैं।