बिहार सरकार ने अमीनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की
बिहार सरकार की कड़ी कार्रवाई
बिहार सरकार ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। हड़ताल पर गए अमीनों के लॉगिन अकाउंट को बंद कर दिया गया है और उन्हें कार्यालय में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया है। यह कार्रवाई विशेष सर्वेक्षण अमीनों की हड़ताल के चलते की गई है, जो कि राज्य सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि 'राजस्व महाअभियान' जैसे जनहितकारी कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की बाधा को सहन नहीं किया जाएगा।
सरकार का धोखा मानने का कारण
14 अगस्त को अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अमीन संघ के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई थी। इस बैठक में अमीनों ने आश्वासन दिया था कि वे हड़ताल पर नहीं जाएंगे और अभियान में सहयोग करेंगे। लेकिन कुछ अमीनों के हड़ताल पर जाने के कारण सरकार ने इसे धोखा माना है।
नौकरी की बहाली की प्रक्रिया
हड़ताल पर गए अमीनों के लॉगिन अकाउंट को तुरंत प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, सरकारी कार्यालयों में उनकी एंट्री पर भी रोक लगा दी गई है। विभाग अब उनकी नौकरी समाप्त करने और नई बहाली प्रक्रिया शुरू करने पर विचार कर रहा है।
राजस्व महाअभियान का उद्देश्य
राज्य में 16 अगस्त से शुरू हुआ 'राजस्व महाअभियान' 20 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान हर पंचायत में दो शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि भूमि संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जा सके। अमीनों को निर्देश दिया गया था कि वे कैंप में लैपटॉप के साथ उपस्थित रहें, ताकि लोगों के दस्तावेजों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को तुरंत ठीक किया जा सके।
अमीनों की मांगें
राजस्व विभाग के कर्मचारियों की कई मांगें हैं, जिनमें सेवा नियमित करने, 60 वर्ष की सेवा पूरी करने, ईपीएफओ में सरकार की ओर से अंश देने, एएसओ को एई का समकक्ष बनाने, कानूनगो और अमीन को जेई समकक्ष बनाने, क्लर्क को यूडीसी समकक्ष वेतन देने, नियमित वेतन का भुगतान करने और नौकरी को नियमित करने की मांग शामिल है। इसके लिए कर्मचारी 16 अगस्त को पटना के गर्दनीबाग में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे थे।