बुलंदशहर में रिश्तों की नई परिभाषा: प्रेम और डर की कहानी
बुलंदशहर में एक साधारण गृहिणी के प्रेम संबंधों ने परिवार की परिभाषा को बदल दिया है। पति के भतीजे के साथ उसके रिश्ते ने न केवल मोहल्ले में हलचल मचाई, बल्कि परिवार के भीतर भी डर और विद्रोह का माहौल पैदा कर दिया। जब पति ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ा, तो स्थिति ने एक नया मोड़ लिया। जानिए इस दिलचस्प और संवेदनशील कहानी के बारे में, जिसमें प्रेम, डर और समझौते का जटिल ताना-बाना है।
May 30, 2025, 11:30 IST
परिवार की परिभाषा में बदलाव
बुलंदशहर की मिट्टी ने एक बार फिर से रिश्तों के टूटने की चीख सुनी है, जो मेरठ के प्रसिद्ध नीले ड्रम कांड के बाद से हवा में तैर रही थी। अब रिश्तों की दीवारें केवल दरारों से नहीं, बल्कि डर से भी ढहने लगी हैं। एक साधारण नीले प्लास्टिक ड्रम ने परिवार की परिभाषा को एक बार फिर से बदल दिया है।यह कहानी थाना अहमदगढ़ के एक गांव की है, जहां तीन बेटियों की मां, जो पहले एक साधारण गृहिणी थी, अचानक अपने पति के भतीजे के प्यार में गिरफ्तार हो गई। मोहल्ले में यह प्रेम धीरे-धीरे फुसफुसाहट से लपटों में बदल गया। जब पति ने दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा, तो उसने सुलह की उम्मीद की, लेकिन उसे मिला धमकी का सामना करना पड़ा, जिसमें कहा गया कि उसे नीले ड्रम में डाल दिया जाएगा।
अब रातें खामोश नहीं थीं, बल्कि डर से थरथराती थीं। पत्नी की आंखों में पछतावे की जगह विद्रोह था। उसके हर शब्द पति पर जैसे हथौड़े की तरह गिरते थे। उसने चेतावनी दी, "अगर तुमने मुझे रोका, तो तुम्हें भी नीले ड्रम में डाल दूंगी।" यह सुनकर पति, जो गांव में मेहनत-मजदूरी कर रहा था, अंदर से टूट गया।
बुधवार की सुबह, उसने कांपते हाथों से पत्नी को थाने ले जाकर पुलिस को एक सहमति पत्र सौंपा, जिसमें उसने स्पष्ट किया कि वह इस रिश्ते से अलग हो रहा है। पुलिस ने प्रेमी को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया, लेकिन अगले दिन जमानत मिलने के बाद वह महिला और उसकी तीन बेटियों के साथ नोएडा चली गई। यह कोई कानूनी लड़ाई नहीं थी, बल्कि डर के साए में एक चुपचाप समझौता था।