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बेंगलुरु भगदड़ मामले में मार्केटिंग प्रमुख की गिरफ्तारी पर सवाल उठे

बेंगलुरु में हुई भगदड़ के मामले में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के मार्केटिंग प्रमुख की गिरफ्तारी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान, उनके वकीलों ने गिरफ्तारी के आधार पर सवाल उठाए हैं। इस घटना में 11 लोगों की जान गई थी, और पुलिस ने चार अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और अदालत में क्या दलीलें दी जा रही हैं।
 

गिरफ्तारी का विवाद

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के मार्केटिंग प्रमुख ने सोमवार को यह आरोप लगाया कि उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निर्देश पर गिरफ्तार किया गया। कर्नाटक उच्च न्यायालय में उनके वकीलों ने कहा कि अधिकारियों ने उनकी गिरफ्तारी का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया। याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि कब्बन पार्क पुलिस को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं था, क्योंकि बेंगलुरु भगदड़ का मामला सीआईडी को सौंपा जा चुका था।


गिरफ्तारी का समय और स्थान

वकील ने अदालत को बताया कि गिरफ्तारी सुबह 4:30 बजे हुई, लेकिन यह कब्बन पार्क में नहीं, बल्कि सीसीबी द्वारा एयरपोर्ट पर की गई। उन्होंने यह भी कहा कि यह गिरफ्तारी किसी जांच के आधार पर नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जब तक उच्च न्यायालय यह नहीं तय करता कि सोसले की गिरफ्तारी अवैध थी, तब तक उन्हें अंतरिम जमानत नहीं दी जा सकती।


चार आरोपियों की गिरफ्तारी

बेंगलुरु पुलिस ने भगदड़ की घटना के संबंध में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के मार्केटिंग और राजस्व प्रमुख निखिल सोसले, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के अध्यक्ष रघु राम भट, सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ईएस जयराम को गिरफ्तार किया। इन चारों को 6 जून को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।


RCB की याचिका

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के संबंध में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। आईपीएल टीम के मालिक रॉयल चैलेंजर्स स्पोर्ट्स लिमिटेड (आरसीएसएल) ने कहा कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है।


भगदड़ में हुई जनहानि

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हुए। यह घटना आरसीबी की 18 साल में पहली आईपीएल खिताबी जीत के जश्न के दौरान हुई, जब स्टेडियम के अंदर और बाहर लगभग आठ लाख प्रशंसक एकत्रित हुए।