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बेंगलुरु में आरसीबी जश्न के दौरान भगदड़: केएससीए ने खुद को अलग किया

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आरसीबी की जीत के जश्न में हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई। कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) ने इस घटना से खुद को अलग करते हुए राज्य सरकार और आयोजकों पर आरोप लगाया है। केएससीए का कहना है कि उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है और यह हादसा भीड़ प्रबंधन में चूक के कारण हुआ। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, जिसके खिलाफ केएससीए ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
 

बेंगलुरु में हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत के जश्न के दौरान एक भगदड़ में 11 व्यक्तियों की जान चली गई। इस घटना के बाद, कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) ने इस हादसे से खुद को पूरी तरह अलग करते हुए राज्य सरकार, आरसीबी और इवेंट आयोजकों पर आरोप लगाया है। केएससीए ने स्पष्ट किया कि इस आयोजन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और यह घटना भीड़ प्रबंधन में लापरवाही के कारण हुई।


केएससीए का स्पष्टीकरण: हमारी जिम्मेदारी नहीं

केएससीए ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि यह आयोजन उनकी ओर से नहीं किया गया था। यह कार्यक्रम विधान सौधा में आयोजित हुआ, न कि चिन्नास्वामी स्टेडियम में। एसोसिएशन ने बताया कि उनकी भूमिका केवल स्टेडियम को किराए पर देने और क्रिकेट से जुड़े मामलों तक सीमित है। "इस आयोजन का निर्णय राज्य सरकार ने लिया था, जिसमें मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे," केएससीए ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह भगदड़ अचानक भीड़ के उमड़ने के कारण हुई, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं है। केएससीए ने दावा किया कि गेट और भीड़ प्रबंधन की जिम्मेदारी पूरी तरह से आरसीबी, आयोजकों और पुलिस की थी।


पुलिस और आयोजकों की भूमिका पर सवाल

केएससीए ने कहा कि पुलिस विभाग ने अपनी जांच में भी स्वीकार किया है कि भीड़ प्रबंधन में उनकी ओर से चूक हुई थी। इसके बावजूद, केएससीए के अधिकारियों को इस मामले में आरोपी बनाना गलत है। एसोसिएशन ने इसे "न्याय का गंभीर उल्लंघन" बताया और कहा कि पुलिस और सरकार उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रही है।


कानूनी कार्रवाई और हाईकोर्ट में याचिका

इस मामले में कब्बन पार्क पुलिस ने आरसीबी, इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और केएससीए के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की थी। इसके जवाब में, केएससीए के अधिकारियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई स्वत: संज्ञान लेकर कर रहा है। केएससीए का कहना है कि यह हादसा दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन इसमें उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।