बेंगलुरु में फर्जी बम धमकी देने वाली सॉफ्टवेयर इंजीनियर गिरफ्तार
महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर की गिरफ्तारी
नई दिल्ली। बेंगलुरु की साइबर क्राइम पुलिस ने हाल ही में कई स्कूलों को भेजी गई फर्जी बम धमकी के ई-मेल की जांच में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। इस मामले में एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर, रेने जोशिल्डा, को गिरफ्तार किया गया है, जो पहले से ही गुजरात पुलिस की हिरासत में थी।
बेंगलुरु पुलिस की नॉर्थ डिवीजन साइबर क्राइम यूनिट ने रेने को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि उसने बेंगलुरु के छह से सात स्कूलों को ई-मेल के माध्यम से बम से उड़ाने की धमकी दी थी। इसके अलावा, उसके खिलाफ तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात सहित 11 राज्यों में इसी तरह के धमकी भरे ई-मेल भेजने के मामले दर्ज हैं।
पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि रेने ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम जैसे सार्वजनिक स्थलों को भी बम से उड़ाने की धमकी दी थी। उसे सबसे पहले अहमदाबाद पुलिस ने जून 2025 में गिरफ्तार किया था। बाद में बेंगलुरु पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि उसने कर्नाटक के कई स्कूलों को भी धमकी भरे ई-मेल भेजे थे। इसके बाद उसे बॉडी वारंट पर बेंगलुरु लाया गया, जहां अब उस पर सात अलग-अलग मामलों में जांच चल रही है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी ने अपने मेल में लिखा था कि वह स्कूलों को गुजरात प्लेन क्रैश की तरह उड़ा देने की धमकी दे रही थी। इस धमकी ने पुलिस और स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मचा दिया था।
VPN और वर्चुअल नंबर का उपयोग
पुलिस कमिश्नर सीमंत कुमार सिंह के निर्देश पर एक विशेष टीम ने आरोपी के साइबर नेटवर्क का पर्दाफाश किया। जांच में यह सामने आया कि रेने ने अपनी पहचान और लोकेशन छिपाने के लिए VPN का इस्तेमाल किया। उसने ‘Gate Code’ नामक ऐप के माध्यम से वर्चुअल मोबाइल नंबर बनाकर कई फर्जी अकाउंट चलाए। उसके पास 6 से 7 वॉट्सऐप अकाउंट सक्रिय पाए गए, जिनका उपयोग धमकी भरे ई-मेल और संदेश भेजने में किया गया।
असफल प्रेम का कारण
पुलिस पूछताछ में एक चौंकाने वाला कारण सामने आया है। रेने एक युवक से एकतरफा प्रेम करती थी। जब युवक ने उसे ठुकरा दिया, तो उसने बदले की भावना से यह साजिश रची। उसने ई-मेल धमकियों के जरिए उस युवक को फंसाने की योजना बनाई थी।
रेने जोशिल्डा के खिलाफ गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना और कर्नाटक में कई मामले दर्ज हैं। वर्तमान में बेंगलुरु पुलिस की विशेष जांच टीम जॉइंट कमिश्नर (वेस्ट) वम्शी कृष्णा और डीसीपी (नॉर्थ) नेमगौड़ा के नेतृत्व में पूछताछ कर रही है। पुलिस का कहना है कि यह मामला साइबर आतंक फैलाने की एक संगठित कोशिश का हिस्सा हो सकता है, और इसकी जांच कई राज्यों की एजेंसियां मिलकर कर रही हैं।