बेंगलुरु में वकील द्वारा CJI पर जूता फेंकने की कोशिश, कानूनी कार्रवाई शुरू
मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने का प्रयास
बेंगलुरु पुलिस ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर जूता फेंकने के प्रयास के मामले में निलंबित अधिवक्ता राकेश किशोर के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज की है। यह कार्रवाई अखिल भारतीय अधिवक्ता संघ, बेंगलुरु की शिकायत पर की गई है। संघ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कठोर कानूनी कदम उठाने की मांग की है।
घटना का विवरण
6 अक्टूबर को राकेश किशोर ने मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने का प्रयास किया था, जिसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने उनके वकील लाइसेंस को निलंबित कर दिया। इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बीआर गवई से बात की और कहा कि इस तरह के हमले से हर भारतीय आहत है। उन्होंने इसे अत्यंत निंदनीय बताया।
प्रधानमंत्री का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने CJI से बातचीत के दौरान उनके धैर्य की सराहना की और कहा कि यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
वकील की नाराजगी का कारण
राकेश किशोर ने खजुराहो विष्णु मूर्ति पुनर्स्थापना मामले में CJI गवई की टिप्पणियों से नाराज होकर यह कदम उठाया। उन्होंने CJI पर जूता फेंकने का प्रयास किया, लेकिन जूता जस्टिस विनोद चंद्रन के पास गिर गया। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया।
CJI की विवादास्पद टिप्पणी
CJI गवई ने खजुराहो विष्णु मूर्ति पुनर्स्थापना मामले में कहा था कि यदि याचिकाकर्ता शैव धर्म के खिलाफ नहीं हैं, तो वे वहां पूजा कर सकते हैं। उनकी यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर विवाद का कारण बनी, जिसके बाद उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान करने की बात कही।