बेंगलुरू में कॉलेज छात्र का अपहरण: 'दर्शन केस' से प्रेरित हिंसा का मामला
बेंगलुरू में हुई दिल दहला देने वाली घटना
30 जून को बेंगलुरू के नेलमंगला तालुका के सोलादेवनहल्ली में एक चौंकाने वाली घटना घटी। यहां आठ युवकों के एक समूह ने एक कॉलेज के छात्र कुशाल का अपहरण कर लिया। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक लड़की को अश्लील संदेश भेजे थे। अपहरणकर्ताओं ने छात्र के कपड़े उतारकर उसके साथ बर्बरता से मारपीट की। इसके बाद उन्होंने उसे धमकाया और इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। यह घटना पुलिस के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई है।
'दर्शन केस' से प्रेरित हिंसा
हमलावरों ने इस घटना को कन्नड़ अभिनेता दर्शन से जुड़े हाई-प्रोफाइल 'रेणुकास्वामी हत्याकांड' से प्रेरित बताया, जिसे सोशल मीडिया पर 'दर्शन केस' के नाम से जाना जाता है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हमलावरों ने कुशाल को धमकी दी कि वे उसे उसी तरह मार डालेंगे जैसे रेणुकास्वामी के साथ हुआ था।
सुनसान स्थान पर हुई मारपीट
हमलावरों ने कुशाल को एक सुनसान जगह पर ले जाकर उसके कपड़े फाड़ दिए और उसे नंगा कर दिया। गुप्तांगों पर भी प्रहार किया गया। वे लगातार उस लड़की को धमकाते रहे और कथित तौर पर इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। पीड़ित की हालत इतनी गंभीर थी कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस ने वायरल वीडियो के आधार पर त्वरित कार्रवाई की।
हमलावरों का बयान
वायरल वीडियो में हमलावर स्पष्ट रूप से कहते हैं, "यह रेणुकास्वामी है। हम आरोपी नंबर एक, दो और तीन हैं।" इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि उन्होंने इस घटना को उस हत्या से जोड़ा, जिसने सोशल मीडिया पर एक राजनीतिक और सामाजिक चर्चा को जन्म दिया।
अश्लील संदेश ने भड़के
पुलिस ने बताया कि यह मामला तब शुरू हुआ जब कुशाल को किसी अन्य लड़की से अश्लील संदेश मिला। आशंका है कि कुशाल ने यह संदेश अपने दोस्तों को दिखाया, जिन्होंने इसे गंभीर अपराध मान लिया। इसके बाद सभी आरोपियों ने मिलकर उसे 'सबक सिखाने' की योजना बनाई और उसका अपहरण कर लिया।
पुलिस की कार्रवाई
सोलादेवनहल्ली पुलिस ने वायरल वीडियो और स्थानीय शिकायतों के आधार पर मामला दर्ज किया। सभी आठ आरोपियों को अपहरण, डकैती और मारपीट के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है। स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि अन्य संदिग्धों की पहचान के लिए जांच जारी है, खासकर उन लोगों की जो इस योजना में शामिल थे या मददगार साबित हुए।
सोशल मीडिया पर उभरता नया रूप
इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर फर्जी अपराधों और उन्हें सुनियोजित तरीके से अंजाम देने की प्रवृत्ति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। 'दर्शन केस' जैसी संवेदनशील घटनाओं से प्रेरित होकर हिंसा, धमकी और अपमानजनक वीडियो बनाने का यह नया तरीका बेहद खतरनाक संकेत प्रस्तुत करता है। इससे सोशल मीडिया पर अपराध-प्रेरित हिंसा का एक खतरनाक ट्रेंड उभरने की आशंका बढ़ गई है।