×

बैंक ऑफ बड़ौदा और HDFC बैंक ने ब्याज दरों में की कटौती

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद, बैंक ऑफ बड़ौदा और HDFC बैंक ने अपनी ब्याज दरों में कमी की है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 0.50 प्रतिशत और HDFC बैंक ने 0.10 प्रतिशत की कटौती की है। यह बदलाव उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद साबित होगा। जानें इस निर्णय का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा और उधारकर्ताओं को कैसे लाभ होगा।
 

ब्याज दरों में कमी का असर

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती के निर्णय के बाद, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने अपनी प्रमुख ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कमी की है। इसी समय, निजी क्षेत्र के HDFC बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.10 प्रतिशत की कमी की है। यह बदलाव उन उधारकर्ताओं के लिए फायदेमंद होगा जिनके लोन इस बेंचमार्क से जुड़े हैं। RBI द्वारा रेपो दर में कटौती के अनुरूप, बैंक ने 7 जून से अपनी रेपो लिंक्ड लोन दर (RLLR) में 0.50 प्रतिशत की कमी की है।


बैंक ऑफ बड़ौदा ने बताया है कि अब इसका RLLR 8.15 प्रतिशत हो गया है। BOB ने RBI द्वारा की गई RLLR कटौती को पूरी तरह से लागू कर दिया है। एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट के अनुसार, नई MCLR दर 7 जून से प्रभावी हो गई है। इस कटौती के परिणामस्वरूप एक दिन और एक महीने की ब्याज दरें 0.10 प्रतिशत घटकर 8.90 प्रतिशत हो गई हैं। तीन महीने की ब्याज दर भी 0.10 प्रतिशत घटकर 8.95 प्रतिशत हो गई है। छह महीने और एक साल की ब्याज दर 0.10 प्रतिशत घटकर 9.05 प्रतिशत हो गई है। दो साल और तीन साल के लोन की ब्याज दर को 9.20 प्रतिशत से घटाकर 9.10 प्रतिशत कर दिया गया है।


भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रवार को ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की और बैंकों को अधिक धन उपलब्ध कराने के लिए नकद आरक्षित अनुपात में कमी की। इस बार आरबीआई ने डायरेक्ट रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.50 प्रतिशत की कटौती की है। इस निर्णय के बाद अब रेपो रेट 6.00 प्रतिशत से घटकर 5.50 प्रतिशत हो गई है।