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बोंडी बीच पर हुए नरसंहार की जांच: क्या पिता-पुत्र ने किया था चरमपंथी नेटवर्क से संपर्क?

ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच पर हुए नरसंहार के बाद, जांच एजेंसियां इस हमले की अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि को खंगालने में जुट गई हैं। मुख्य आरोपी साजिद और नवीद अकरम की फिलीपींस यात्रा पर संदेह है, जहां उन्हें संभावित रूप से चरमपंथी प्रशिक्षण मिला। इस हमले में 15 लोगों की जान गई, जिसमें एक बच्ची और एक बुजुर्ग शामिल थे। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने इसे इस्लामिक स्टेट से प्रेरित बताया है। क्या सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया में खामियां थीं? जानिए पूरी कहानी।
 

जांच एजेंसियों की सक्रियता


नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर हुए भयानक नरसंहार के बाद, जांच एजेंसियां इस हमले की अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि को खंगालने में जुट गई हैं। वे यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि क्या हमले के आरोपी पिता-पुत्र ने फिलीपींस की यात्रा के दौरान किसी चरमपंथी इस्लामी नेटवर्क से संपर्क किया था और क्या उन्हें वहां सैन्य प्रशिक्षण मिला था।


हमले के मुख्य आरोपी

इस हमले के मुख्य संदिग्ध साजिद अकरम (50) और उनके बेटे नवीद अकरम (24) हैं। दोनों ने बोंडी बीच पर यहूदी समुदाय के हनुक्का उत्सव को निशाना बनाया, जिसमें 15 लोगों की जान गई, जिनमें एक 10 वर्षीय बच्ची और 87 वर्षीय बुजुर्ग शामिल थे, जो नाजी होलोकॉस्ट से बच चुके थे। यह घटना न केवल ऑस्ट्रेलिया बल्कि पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया।


फिलीपींस यात्रा पर संदेह

जांच एजेंसियों को संदेह है कि साजिद और नवीद ने हमले से पहले फिलीपींस की यात्रा की थी। रिपोर्टों के अनुसार, साजिद ने भारतीय पासपोर्ट का उपयोग किया, जबकि नवीद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट पर यात्रा की। माना जा रहा है कि दोनों ने नवंबर में लगभग चार हफ्तों तक फिलीपींस में रहकर हथियारों और रणनीति से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया।


साजिद का अतीत

तेलंगाना पुलिस के डीजीपी के अनुसार, साजिद अकरम का मूल निवास हैदराबाद है, जहां उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई की। वे 1998 में ऑस्ट्रेलिया चले गए और बाद में अपने परिवार से संबंध तोड़ लिए। परिवार का कहना है कि साजिद ने एक ईसाई महिला से विवाह किया था, जिसके कारण परिवार ने उनसे दूरी बना ली।


हमले का विवरण

बोंडी बीच पर हमला स्थानीय समयानुसार शाम करीब सात बजे शुरू हुआ। दोनों हमलावरों ने एक पुल से लगभग 20 मिनट तक अंधाधुंध गोलियां चलाईं। वे बार-बार अपने हथियारों को रीलोड करते रहे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि वे प्रशिक्षित थे। सैकड़ों लोग जान बचाने के लिए भागने लगे और समुद्र तट पर अफरा-तफरी मच गई।


सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया

प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि हमले के दौरान मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी काफी देर तक निष्क्रिय रहे। कुछ लोगों का कहना है कि लगभग 20 मिनट तक कोई जवाबी फायरिंग नहीं हुई, जिससे ऑस्ट्रेलियाई पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।


आईएस से संबंध की आशंका

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि यह हमला इस्लामिक स्टेट की विचारधारा से प्रेरित प्रतीत होता है। पुलिस ने हमलावरों के वाहन से आईईडी और संदिग्ध झंडे भी बरामद किए हैं। बताया जा रहा है कि नवीद अकरम पहले भी आईएस से संभावित संबंधों के चलते सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में रह चुका था।


तीन दशकों में सबसे घातक हमला

1996 के पोर्ट आर्थर नरसंहार के बाद, यह ऑस्ट्रेलिया की सबसे घातक गोलीबारी मानी जा रही है। जांच एजेंसियां अब यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने से पहले किन खामियों के चलते आरोपी निगरानी से बाहर हो गए।