ब्रह्मकमल: एक दुर्लभ और चमत्कारी फूल
ब्रह्मकमल, जिसे भगवान बद्री नारायण को अर्पित किया जाता है, एक दुर्लभ और चमत्कारी फूल है जो साल में केवल एक बार खिलता है। यह पुष्प न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी हैं। जानें कैसे यह सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है और वास्तु में इसके उपयोग से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
Aug 21, 2025, 19:11 IST
ब्रह्मकमल का महत्व
ब्रह्मकमल: यह अद्वितीय फूल चमत्कारी माना जाता है और इसे भगवान बद्री नारायण को समर्पित किया जाता है। यह पुष्प साल में केवल एक बार खिलता है और इसे हिमालय के कठिन क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका रंग सफेद और आकार कमल के समान होता है। मान्यता है कि सृष्टि की शुरुआत इसी फूल से हुई थी, इसलिए इसे ब्रह्मा जी का प्रिय पुष्प माना जाता है। बद्रीनाथ मंदिर में भगवान बद्री नारायण की पूजा में इसे अर्पित किया जाता है। ज्योतिष और वास्तु के अनुसार, इस फूल का घर में होना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह जुलाई से सितंबर के बीच खिलता है और जल्दी मुरझा जाता है।ब्रह्मकमल के औषधीय गुण
ब्रह्मकमल को उत्तराखंड का राज्य पुष्प घोषित किया गया है। इसके औषधीय गुण कई बीमारियों के उपचार में सहायक होते हैं और यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है।
सकारात्मक ऊर्जा और वास्तु
इस फूल को घर में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है और सुख-समृद्धि में भी इजाफा होता है। इसकी दुर्लभता और अल्प समय तक खिलने की विशेषता इसे दिव्य और रहस्यमयी बनाती है। यह शनि और राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को भी कम करता है। वास्तु के अनुसार, ब्रह्मकमल को घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में लगाना शुभ होता है। इसे मंदिर या पूजाघर के पास रखना भी लाभकारी है।