×

ब्राजील का भारत के प्रति समर्थन: अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर असहमति

ब्राजील ने हाल ही में भारत के साथ अपने मजबूत व्यापारिक संबंधों को उजागर करते हुए अमेरिकी टैरिफ नीतियों पर असहमति जताई है। राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि वे ट्रंप से बात करने के बजाय प्रधानमंत्री मोदी से संवाद करना चाहते हैं। यह कदम न केवल व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि राजनीतिक और सामरिक सहयोग को भी बढ़ावा देगा। जानें इस साझेदारी के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

ब्राजील का भारत के साथ मजबूत संबंध

हाल ही में, अमेरिका की टैरिफ नीति के खिलाफ रूस के विरोध के बाद, ब्राजील ने भी भारत के प्रति अपनी मजबूती दिखाई है। ब्राजील के राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से बात करने के बजाय भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद करना चाहते हैं। यह बयान न केवल ट्रंप की व्यापार नीतियों के प्रति ब्राजील की असहमति को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि ब्राजील भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी मानता है, खासकर ब्रिक्स देशों के सदस्य के रूप में।


भारत और ब्राजील के बीच व्यापारिक संबंध काफी मजबूत हैं, जिसमें दोनों देशों के बीच लगभग 12 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है। भारत के लिए, ब्राजील पांचवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और भारतीय कंपनियों ने यहां लगभग 6 अरब डॉलर का निवेश किया है। ब्राजील से भारत को कई आवश्यक कच्चे माल और वस्तुएं मिलती हैं, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं।


वित्त वर्ष 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, भारत से ब्राजील को लगभग 6.77 अरब डॉलर की वस्तुएं निर्यात होती हैं, जिनमें प्रोसेस्ड पेट्रोलियम उत्पाद, खासकर डीजल, शामिल हैं। इसके अलावा, कृषि रसायन, कीटनाशक, दवाइयां, इंजीनियरिंग उत्पाद, टेक्सचर्ड फिलामेंट यार्न और अनरॉटेड एल्युमीनियम भी भारत से ब्राजील को भेजे जाते हैं।


ब्राजील से भारत को कच्चा तेल, सोया तेल, सोना, कच्ची चीनी, कपास, गोंद, लकड़ी, तारपीन तेल, कार्बोक्सिलिक अम्ल, और लौह अयस्क जैसी वस्तुएं आयात होती हैं। भारत इन वस्तुओं को प्रोसेस करके घरेलू और वैश्विक बाजारों में उपलब्ध कराता है।


ब्राजील में भारतीय निवेश का प्रभाव भी महत्वपूर्ण है, जिसमें लगभग 6 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया गया है। प्रमुख भारतीय कंपनियां जैसे ग्लेनमार्क, ज़ाइडस कैडिला, सन फार्मा, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, और टाटा मोटर्स ब्राजील की अर्थव्यवस्था में सक्रिय रूप से काम कर रही हैं।


ब्राजील की कंपनियां भी भारत में भारी निवेश कर रही हैं, जिसमें पोलो, वेले, स्टेफनिनी, और गेरडाऊ जैसी कंपनियां शामिल हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं।


ब्राजील के राष्ट्रपति का यह स्पष्ट संदेश कि वे अमेरिकी टैरिफ नीतियों से असंतुष्ट हैं और भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं, दोनों देशों के बीच बढ़ती दोस्ती और सहयोग का संकेत है। इस साझेदारी से न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक और सामरिक रिश्ते भी मजबूत होंगे।