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ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर उठाया गंभीर मुद्दा

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में कोई समझौता नहीं होना चाहिए। सम्मेलन में जारी साझा घोषणापत्र में इस हमले की कड़ी निंदा की गई है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता है। पीएम मोदी ने ब्रिक्स की विविधता और बहुध्रुवीयता पर भी जोर दिया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।
 

ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद पर पीएम मोदी की टिप्पणी

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया और पाकिस्तान तथा चीन का नाम लिए बिना पहलगाम आतंकी हमले पर दोनों देशों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों और उनके समर्थकों को एक ही तराजू में नहीं तौला जाना चाहिए। पीएम मोदी ने सम्मेलन में यह भी कहा कि आतंकवाद आज मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका है। उन्होंने शांति और सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा करते हुए इसे मानवता के लिए एक गंभीर खतरा बताया और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में किसी भी प्रकार के समझौते की आवश्यकता पर जोर दिया। सम्मेलन में पहलगाम आतंकी हमले पर एक साझा बयान भी जारी किया गया।


ब्रिक्स सम्मेलन में बहुपक्षवाद और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा

17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बहुपक्षवाद, आर्थिक और वित्तीय मामलों, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को सुदृढ़ करने पर चर्चा की गई। पीएम मोदी ने कहा कि इस समूह की ताकत इसकी विविधता और बहुध्रुवीयता के प्रति साझा प्रतिबद्धता में निहित है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की विविधता और बहुध्रुवीयता में हमारी दृढ़ आस्था ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिक्स को वैश्विक मंच पर गंभीरता से लिए जाने के लिए अपने आंतरिक ढांचे को मजबूत करना होगा।


घोषणा पत्र में पहलगाम हमले की निंदा

ब्रिक्स देशों के साझा घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। घोषणापत्र में इसे ‘आतंकवाद की क्रूर और अमानवीय कार्रवाई’ बताया गया है। यह भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता है, क्योंकि इस मंच पर चीन भी मौजूद था। हालांकि, पूरे घोषणापत्र में पाकिस्तान का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया गया, लेकिन सीमा-पार आतंकवादियों की आवाजाही और आतंकियों को आर्थिक सहयोग जैसे शब्दों का उल्लेख किया गया है, जो पाकिस्तान की ओर इशारा करते हैं।


मोदी ने चीन और पाकिस्तान को दिया संदेश

पीएम मोदी ने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बिना भी स्पष्ट संदेश दिया। पहलगाम हमले की निंदा करते हुए जो भाषा का इस्तेमाल किया गया, वह भारत की लंबे समय से चली आ रही स्थिति के अनुरूप था। यह महत्वपूर्ण है कि चीन भी इस बैठक का हिस्सा था, जिसने पाकिस्तान के प्रति सहानुभूति दिखाई है। इस प्रकार की कूटनीति में बिना नाम लिए मुद्दों को उठाना एक चुनौती होती है, चाहे वह टैरिफ का मामला हो या आतंकवाद से संबंधित।