ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर का भारत दौरा: व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की कोशिश
कीर स्टार्मर का मुंबई आगमन
Keir Starmer India visit: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर बुधवार को मुंबई पहुंचे, जो उनके भारत के पहले आधिकारिक दौरे की शुरुआत है। जुलाई 2024 में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली यात्रा है। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार और राज्यपाल रमेश बैस ने किया।
भारत-यूके व्यापार समझौता
यह दौरा उस समय हो रहा है जब भारत और ब्रिटेन ने जुलाई में ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर किए थे। कीर स्टार्मर की यात्रा का मुख्य उद्देश्य इस समझौते को आगे बढ़ाना और दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना है।
प्रधानमंत्री मोदी से महत्वपूर्ण बैठक
प्रधानमंत्री मोदी से होगी अहम मुलाकात
ब्रिटिश प्रधानमंत्री गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। यह बैठक राज भवन, मुंबई में सुबह आयोजित की जाएगी, जहां दोनों नेता भारत-यूके रणनीतिक संबंधों की प्रगति पर संयुक्त बयान जारी करेंगे।
यह मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए टैरिफ के बाद वैश्विक व्यापार समीकरणों में बदलाव देखा जा रहा है। दोनों देशों के बीच बढ़ते आर्थिक सहयोग के मद्देनज़र यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
उद्योग जगत से संवाद
उद्योग जगत से भी करेंगे संवाद
कीर स्टार्मर अपने दौरे के दौरान भारत के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। वह मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर, बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में आयोजित होने वाले ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में भी भाग लेंगे। इससे पहले वह व्यवसायिक नेताओं के साथ एक विशेष लंच मीटिंग में शामिल होंगे, जिसमें भारत-यूके व्यापार सहयोग को और गहराई देने पर चर्चा होगी.
व्यापारिक अवसरों की संभावनाएं
भारत के साथ बड़ा व्यापार समझौता
भारत यात्रा से पहले दिए बयान में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने जुलाई में भारत के साथ एक बड़ा व्यापार समझौता किया था जो किसी भी देश द्वारा किया गया सबसे सुरक्षित समझौता है लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। यह सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है, यह विकास का एक लॉन्चपैड है। भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है, और उसके साथ व्यापार तेज और सस्ता होने वाला है, ऐसे में आगे आने वाले अवसर बेजोड़ हैं."
उन्होंने आगे कहा, "यही कारण है कि मैं इस सप्ताह मुंबई में हमारे 125 सबसे बड़े घरेलू नामों के साथ ब्रिटिश व्यापार का झंडा फहराऊंगा क्योंकि उनके लिए भारत में विकास का मतलब है ब्रिटिश लोगों के लिए घर पर अधिक विकल्प, अवसर और नौकरियां."