ब्रिटेन की नई रक्षा नीति: युद्ध-तैयारी की दिशा में कदम
ब्रिटेन की रक्षा नीति में बदलाव
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने ग्लासगो में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए देश की रक्षा नीति में बदलाव का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन अब 'युद्ध-तैयारी' की ओर बढ़ रहा है। इस नई रक्षा योजना के अंतर्गत सैन्य और परमाणु तैयारियों को मजबूत करने का प्रस्ताव है, जो रूस की बढ़ती आक्रामकता और यूरोप में सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर उठाया गया है।
स्टारमर ने BAE सिस्टम्स के गोवन शिपबिल्डिंग साइट पर अपनी रक्षा योजना के तीन प्रमुख लक्ष्यों का उल्लेख किया। पहला, ब्रिटेन को 'युद्ध-तैयारी' की स्थिति में लाना। दूसरा, नाटो (NATO) गठबंधन को और सशक्त बनाना। तीसरा, युद्धकालीन गति के साथ तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना। उन्होंने कहा, "जब हमें शक्तिशाली सैन्य ताकतों से खतरा हो, तो सबसे अच्छा तरीका है कि हम पूरी तरह से तैयार रहें।"
परमाणु और सैन्य क्षमताओं में वृद्धि
इस योजना के तहत, ब्रिटेन 12 नई पीढ़ी की परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बियां बनाएगा, जो गैर-परमाणु हथियारों से लैस होंगी। ये नई पनडुब्बियां मौजूदा सात पनडुब्बियों की जगह लेंगी। रक्षा सचिव जॉन हीली ने कहा, "नई अत्याधुनिक पनडुब्बियों और अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के साथ हम ब्रिटेन को सुरक्षित और विदेश में मजबूत बनाएंगे।" इसके अतिरिक्त, ब्रिटेन छह नए हथियार और गोला-बारूद कारखाने स्थापित करेगा और 7,000 लंबी दूरी के ब्रिटिश हथियार खरीदेगा।
साइबर हमलों के खिलाफ नई कमांड की स्थापना
हाल के समय में ब्रिटिश सेना पर हुए साइबर हमलों को देखते हुए, सरकार एक नई साइबर और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कमांड स्थापित करने जा रही है। यह कदम देश की डिजिटल और सैन्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। स्टारमर ने कहा कि ये परिवर्तन ब्रिटेन को आधुनिक खतरों से निपटने के लिए तैयार करेंगे।
रूस और ट्रंप को संदेश
यह रक्षा सुधार रूस की बढ़ती आक्रामकता और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों के जवाब में किया गया है। ट्रंप ने कहा था कि यूरोप को अपनी सुरक्षा के लिए अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। स्टारमर ने ग्लासगो में कहा कि उनकी सरकार नाटो को "अब तक का सबसे बड़ा योगदान" देगी। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रिटेन की रक्षा नीति हमेशा "नाटो-फर्स्ट" रहेगी। इसके अलावा, सरकार ने फरवरी 2025 में घोषणा की थी कि अप्रैल 2027 से रक्षा खर्च को जीडीपी का 2.5% तक बढ़ाया जाएगा।
शीत युद्ध के बाद की रणनीति में बदलाव
यह नई योजना शीत युद्ध के बाद की उस रणनीति को पलटने की दिशा में है, जिसमें ब्रिटेन ने अपनी सैन्य ताकत को कम किया था। स्टारमर ने कहा कि रूस के बढ़ते खतरे और वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए ब्रिटेन को अपनी सुरक्षा के लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को युद्ध से बचने के लिए युद्ध की तैयारी करनी होगी।