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भाजपा और आरएसएस की हिन्दुत्व रणनीति: योगी आदित्यनाथ की भूमिका

भाजपा और आरएसएस ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए हिन्दुत्व आधारित रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया है। जनवरी 2026 में लखनऊ में होने वाले विराट हिन्दू सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रमुख चेहरे के रूप में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही, योगी ने राज्य में अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। जानें इस रणनीति के पीछे की पूरी कहानी और योगी की भूमिका।
 

उत्तर प्रदेश चुनाव पर ध्यान केंद्रित

लखनऊ: भाजपा और आरएसएस का ध्यान अब उत्तर प्रदेश चुनाव पर केंद्रित हो गया है, जिसके तहत हिन्दुत्व आधारित रणनीतियों पर जोर दिया जा रहा है। इस दिशा में, जनवरी 2026 में लखनऊ में विराट हिन्दू सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हिन्दुत्व के प्रमुख चेहरे के रूप में पेश करने की योजना बनाई जा रही है।



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न केवल अपने कार्यों से, बल्कि अपने पहनावे से भी हिन्दुत्व के रंग में रंगे हुए नजर आते हैं। हाल ही में, प्रदेश संघ मुख्यालय से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक कई महत्वपूर्ण चर्चाएँ हुईं। इन चर्चाओं का मुख्य उद्देश्य मिशन-2027 था, जिसमें यूपी में विकास के साथ हिन्दुत्व को बढ़ावा देने की योजना बनाई गई है।


भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे और उन्होंने संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार, क्षेत्र प्रचारक महेंद्र शर्मा और अन्य नेताओं के साथ बंद कमरे में चर्चा की।


मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश

इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने 17 नगर निकायों को आदेश दिया है कि वे अपने क्षेत्र में काम कर रहे सभी रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों की विस्तृत सूची तैयार करें।