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भाजपा और सहयोगी पार्टियों का संघ के प्रति नया प्रेम

हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संघ की आवश्यकता से इनकार किया था, लेकिन अब भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने संघ के प्रति अपने प्रेम का इजहार किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने संघ की सराहना की, और सहयोगी दलों ने भी संघ के शताब्दी समारोह पर बधाई दी। जानें इस बदलाव के पीछे की वजहें और इसका राजनीतिक प्रभाव क्या हो सकता है।
 

भाजपा और संघ के रिश्तों में बदलाव

हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि पार्टी को अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह अब आत्मनिर्भर हो गई है। लेकिन इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि न केवल भाजपा, बल्कि उसकी सहयोगी पार्टियां भी संघ के प्रति अपनी निष्ठा दिखाने लगी हैं। यह दिलचस्प है कि जहां भाजपा ने संघ की आवश्यकता से इनकार किया, वहीं तेलुगू देशम पार्टी, जनता दल यू और लोक जनशक्ति पार्टी जैसी पार्टियों ने संघ के शताब्दी समारोह पर बधाई संदेश भेजे हैं। यह संकेत करता है कि संघ और भाजपा के बीच संबंधों में कुछ बदलाव आ रहा है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ के प्रति अपनी प्रशंसा का इजहार किया, जब उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत को उनके 75वें जन्मदिन पर बधाई दी। इसके छह दिन बाद, भागवत ने मोदी को भी बधाई दी। संघ के शताब्दी समारोह के अवसर पर, मोदी ने डाक टिकट और सिक्का जारी किया और संघ की सराहना की। इसके बाद, उन्होंने भागवत के भाषण की भी प्रशंसा की।


सूत्रों के अनुसार, भाजपा के शीर्ष नेता चाहते थे कि सहयोगी पार्टियां संघ की सराहना करें और उसके शताब्दी समारोह पर बधाई संदेश भेजें। इससे संघ और सहयोगी दलों के बीच संबंध मजबूत होंगे और संघ का सकारात्मक संदेश जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि संघ ने भाजपा को अपने अध्यक्ष का चयन करने की स्वतंत्रता दी है, जिसके बदले में भाजपा संघ को व्यापक स्वीकार्यता दिलाने की कोशिश कर रही है।


तेलुगू देशम पार्टी के नेता और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने संघ के शताब्दी समारोह पर बधाई दी। जन सेना पार्टी के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी संघ की सराहना की। बिहार की जनता दल यू और लोक जनशक्ति पार्टी ने भी संघ को बधाई दी। एनडीए के गैर भाजपा दलों द्वारा संघ की सराहना करना, राजनीतिक और सामाजिक विमर्श में संघ की उपस्थिति को मजबूत करेगा।