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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का ठाकरे परिवार पर तीखा हमला: क्या है विवाद?

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने ठाकरे परिवार पर तीखा हमला करते हुए विवादास्पद टिप्पणियां की हैं। उन्होंने राज और उद्धव ठाकरे को चुनौती दी है कि यदि वे भाषाई आधार पर किसी हिंदी भाषी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, तो उन्हें भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस बीच, माहिम दरगाह में हुई एक घटना ने राज्य में भाषा आधारित हिंसा पर नई बहस छेड़ दी है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और शिवसेना की प्रतिक्रिया।
 

भाजपा सांसद का विवादास्पद बयान

भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यदि ये ठाकरे भाषाई आधार पर उत्तर प्रदेश, बिहार या तमिलनाडु में किसी हिंदी भाषी के खिलाफ ऐसी हरकत करेंगे, तो उन्हें भी उसी तरह की प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा। दुबे ने कहा, “यूपी, बिहार या तमिलनाडु आकर देखो, वहां तुम्हें पटक-पटककर मारेंगे।”


माहिम दरगाह पर हमले की चुनौती

दुबे ने माहिम दरगाह का उल्लेख करते हुए ठाकरे को चुनौती दी कि यदि वे वहां किसी उर्दू भाषी के साथ ऐसा करेंगे, जैसा उन्होंने एक हिंदी भाषी विक्रेता के साथ किया था, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

पिछले हफ्ते एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें मनसे के कार्यकर्ताओं को एक उत्तर भारतीय विक्रेता के साथ मारपीट करते हुए देखा गया। आरोप है कि विक्रेता मराठी नहीं बोल पाया, जिसके कारण उस पर हमला किया गया। मुंबई के मीरा रोड में एक दुकान के मालिक को मराठी में बात न करने पर थप्पड़ मारा गया और चेतावनी दी गई कि उसे वहां व्यवसाय करने नहीं दिया जाएगा। इस घटना ने राज्य में भाषा आधारित हिंसा और सामाजिक विभाजन पर नई बहस छेड़ दी है। कई नेताओं ने इस हमले की निंदा की है, जबकि मनसे ने कहा कि यदि कोई मराठी भाषा का अपमान करता है, तो उन्हें ऐसा ही जवाब मिलेगा।


त्रिभाषा नीति पर ठाकरे बंधुओं का विरोध

राज और उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार की त्रिभाषा नीति (मराठी, हिंदी, अंग्रेज़ी) के खिलाफ ‘विजय रैली’ में एक मंच साझा किया। दोनों ने इसे “हिंदी थोपना” करार देते हुए विरोध जताया। मनसे ने इस नीति के खिलाफ मुंबई में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की योजना बनाई थी, यह कहते हुए कि केवल मराठी भाषा को संविधान में स्थान मिलना चाहिए। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने बाद में फेसबुक पर स्पष्ट किया कि वे “हिंदी विरोधी नहीं” हैं, लेकिन मराठी राज्य में “हिंदी थोपे जाने” के खिलाफ हैं।


महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति पर दुबे का बयान

भाजपा सांसद दुबे ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र को बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे हिंदी भाषी राज्यों से आय और करों पर निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने रिलायंस और टाटा जैसी बड़ी कंपनियों का उल्लेख किया, जो महाराष्ट्र में निवेश कर रही हैं और खाद्य पदार्थों पर आधारित राजस्व ला रही हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “यदि आपके पास महाराष्ट्र में बड़े उद्योग नहीं हैं, तो आप क्यों आवाज़ उठा रहे हैं?”


शिवसेना (एकनाथ शिंदे) की प्रतिक्रिया

दुबे की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के नेता योगेश कदम ने इसे अहंकार भरा बयान बताया। उन्होंने कहा कि सांसद होते हुए इस तरह की बातें करना उचित नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे विरोध का आक्रामक स्वर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।