भारत 2025 में IEC की 89वीं जनरल मीटिंग की मेज़बानी करेगा
IEC जनरल मीटिंग 2025: भारत की मेज़बानी
IEC जनरल मीटिंग 2025: भारत एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम की मेज़बानी करने जा रहा है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने यह जानकारी दी है कि भारत 15 से 19 सितंबर 2025 तक इंटरनेशनल इलेक्ट्रोटेक्निकल कमीशन (IEC) की 89वीं जनरल मीटिंग की मेज़बानी करेगा। यह बैठक नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित की जाएगी। इस वैश्विक आयोजन में 100 से अधिक देशों से 2,000 से ज्यादा विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रोटेक्निकल मानकों पर चर्चा करेंगे.
उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अनुसार, यह सम्मेलन भविष्य के लिए टिकाऊ, पूरी तरह से विद्युत-चालित और कनेक्टेड दुनिया को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसमें ऊर्जा, विद्युत उपकरणों, संचार प्रौद्योगिकी और डिजिटल कनेक्टिविटी से संबंधित मानकों पर विचार किया जाएगा। IEC की यह जनरल मीटिंग विश्व स्तर पर तकनीकी मानकों के निर्माण और विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है.
भारत की तकनीकी पहचान का वैश्विक मंच
वैश्विक मंच पर भारत की तकनीकी को मान्यता
भारत पहले भी इस प्रतिष्ठित सम्मेलन की मेज़बानी कर चुका है। यह आयोजन 1960, 1997 और 2013 में भी भारत में हुआ था। अब चौथी बार भारत इस कार्यक्रम की मेज़बानी करेगा, जो यह दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर भारत की तकनीकी और औद्योगिक क्षमता को मान्यता मिल रही है.
ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव की दिशा
ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से बदलाव
IEC की जनरल मीटिंग में विशेषज्ञ विद्युत प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और नवीकरणीय ऊर्जा के मानकों पर चर्चा करेंगे। इन मानकों का सीधा प्रभाव वैश्विक व्यापार, सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में ऊर्जा क्षेत्र में तेजी से बदलाव होंगे और इस दिशा में तय किए जाने वाले मानक वैश्विक स्तर पर नई दिशा प्रदान करेंगे.
भारत की बढ़ती तकनीकी ताकत
देश में बढ़ती तकनीकी
भारत मंडपम में होने वाला यह आयोजन न केवल तकनीकी विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान करेगा, बल्कि देश की बढ़ती तकनीकी ताकत को भी प्रदर्शित करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में भारत ने हाल के वर्षों में डिजिटल कनेक्टिविटी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह सम्मेलन भारत की इन पहलों को और मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करेगा.