भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में नई चुनौतियाँ
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता
भारत-अमेरिका व्यापार समझौता: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि भारत के साथ व्यापार समझौता अभी तक अंतिम रूप नहीं ले पाया है। यह बयान उस समय आया है जब 'रिसिप्रोकल टैरिफ' की डेडलाइन में केवल दो दिन बचे हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत पर लगभग 20 से 25 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगाया जा सकता है।
ट्रंप का भारत के प्रति दृष्टिकोण
ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भारत उनका मित्र है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध को उनके कहने पर रोका, लेकिन भारत अमेरिका की तुलना में अधिक टैरिफ लगाता रहा है। अब सब कुछ बदलने वाला है, क्योंकि वह अब जिम्मेदारी में हैं।
औपचारिक पत्र की कमी
हालांकि, ट्रंप ने भारत को अभी तक कोई औपचारिक पत्र नहीं भेजा है, जैसा कि उन्होंने अन्य देशों के मामले में किया था। इससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि 1 अगस्त के बाद अमेरिका भारत पर टैरिफ लागू करेगा या कोई नया समझौता सामने आएगा।
भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ की संभावनाएँ
ट्रंप ने अप्रैल 2025 में भारतीय वस्तुओं पर 26% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे बाद में उन्होंने 'रिसिप्रोकल' टैक्स बताते हुए रोक दिया था। अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है, लेकिन ट्रंप के 'प्रोटेक्शनिस्ट' रुख से भारत के लिए अमेरिका में व्यापार करना महंगा और कठिन हो सकता है।
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता
भारत सरकार के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत अब आत्मविश्वास के साथ समझौते करता है और अमेरिका के साथ बातचीत अच्छी प्रगति पर है।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में प्रगति
14 जुलाई को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया था कि भारत और अमेरिका एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते की दिशा में ठोस प्रगति कर रहे हैं। दोनों देश एक-दूसरे के हितों को ध्यान में रखते हुए रास्ता तलाश रहे हैं। अब देखना होगा कि ट्रंप सरकार 1 अगस्त की डेडलाइन से पहले कोई अंतिम घोषणा करती है या भारत पर एकतरफा टैरिफ लागू किया जाता है।