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भारत-अमेरिका व्यापार विवाद: टैरिफ वृद्धि से उद्योगों में चिंता

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ता जा रहा है, खासकर अमेरिका द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ वृद्धि के कारण। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने इस पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री से कार्रवाई की अपील की है। टैरिफ में वृद्धि से भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे कई उद्योगों को नुकसान होगा। गोयल ने वैकल्पिक बाजारों की तलाश की सलाह दी है, जबकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी भारत को जवाबी कदम उठाने की मांग की है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।
 

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव

भारत-अमेरिका व्यापार विवाद: अमेरिका द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने के निर्णय ने भारतीय व्यापार जगत में चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के अध्यक्ष बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर सख्त प्रतिक्रिया और रणनीतिक कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि भारत को अमेरिका से आयातित वस्तुओं पर जवाबी शुल्क लगाना चाहिए ताकि भारतीय व्यवसायों की रक्षा की जा सके।


टैरिफ में वृद्धि से लागत में इजाफा

टैरिफ बढ़ोतरी से बढ़ेगी लागत

गोयल ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले 25% टैरिफ की घोषणा की थी, जिसे अब 50% करने का प्रस्ताव है। यह वृद्धि 27 अगस्त से लागू होगी। उन्होंने कहा कि यह अचानक निर्णय भारतीय निर्यातकों के लिए गंभीर असमंजस पैदा कर रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके ऑर्डर पहले से भेजे जा चुके हैं या रास्ते में हैं।


भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा पर प्रभाव

भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धा पर असर

भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले प्रमुख उत्पाद जैसे स्टील, मशीनरी, ऑटो पार्ट्स, रत्न और आभूषण, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स अब टैरिफ के कारण महंगे हो जाएंगे। उदाहरण के लिए, जो वस्तु पहले $100 की थी, वह अब $125 की हो जाएगी। इससे भारत के उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो जाएंगे और अन्य प्रतिस्पर्धी देशों जैसे वियतनाम, बांग्लादेश और चीन को लाभ होगा।


कई उद्योगों को भारी नुकसान

कई उद्योगों को होगा भारी नुकसान

रत्न एवं आभूषण उद्योग अब अधिक शुल्क के कारण संकट में है। इसी तरह कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग, विशेष रूप से स्मार्टफोन क्षेत्र भी महंगे टैरिफ के कारण नुकसान की कगार पर हैं। दवा उद्योग भी सुरक्षित नहीं है, क्योंकि भारत से अमेरिका को ज़ीरो टैरिफ पर भेजी गई ₹92,000 करोड़ की दवाइयां अब महंगी हो जाएंगी, जिससे प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है।


नौकरियों पर संकट

नौकरियों पर संकट

गोयल ने चेतावनी दी कि यह केवल आर्थिक नुकसान नहीं है, बल्कि लाखों नौकरियों का भी सवाल है। भारत की हजारों कंपनियां अमेरिका को निर्यात करती हैं और भारी टैरिफ के कारण उनका कारोबार प्रभावित हो सकता है।


वैकल्पिक बाजार की सलाह

वैकल्पिक बाज़ार की सलाह

सीटीआई ने सरकार से अनुरोध किया कि भारत को जर्मनी, ब्रिटेन, सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों में नए बाजार तलाशने चाहिए। इसके अलावा, अमेरिका के उत्पादों पर भारत की निर्भरता भी कम की जानी चाहिए।


शशि थरूर का तीखा बयान

शशि थरूर का तीखा बयान

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी मांग की कि यदि वार्ता विफल होती है, तो भारत को भी अमेरिकी आयात पर 50% टैरिफ लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी देश को भारत को धमकाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।