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भारत-अमेरिका व्यापारिक तनाव: शशि थरूर की चेतावनी

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ता जा रहा है, जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए आयात शुल्क ने भारतीय उत्पादों को नुकसान पहुंचाया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए लाखों नौकरियों के प्रभावित होने की चेतावनी दी है। उन्होंने ट्रंप के व्यवहार पर भी सवाल उठाए और भारत को वैकल्पिक बाजारों की तलाश करने की सलाह दी। जानें इस मुद्दे पर थरूर के विचार और दोनों देशों के बीच संभावित व्यापार समझौतों के बारे में।
 

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत आयात शुल्क ने भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में 'नो प्रोफिट' बना दिया है। कांग्रेस के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने इसे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर झटका बताया है। उनका कहना है कि इस निर्णय से लाखों लोगों की नौकरियां प्रभावित हो रही हैं और भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति भी संकट में है।


थरूर का सम्मेलन में बयान

सिंगापुर में एक सम्मेलन के दौरान थरूर ने कहा कि अमेरिकी शुल्क में से 25 प्रतिशत हिस्सा रूस से तेल खरीदने की सजा के रूप में जोड़ा गया है, जो भारत के लिए अनुचित है। उन्होंने बताया कि सूरत के रत्न और आभूषण उद्योग में 1.35 लाख लोगों की नौकरियां प्रभावित हुई हैं। समुद्री उत्पाद और विनिर्माण क्षेत्र भी बड़े पैमाने पर नुकसान झेल रहे हैं। थरूर ने चेतावनी दी कि 'किसी को यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि हम इस संकट से आसानी से बाहर निकल जाएंगे।'


ट्रंप पर सीधा हमला

ट्रंप पर बोला सीधा हमला

थरूर ने ट्रंप के व्यवहार को असामान्य और अप्रत्याशित बताते हुए उन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, 'क्या आपने कभी किसी विश्व नेता को यह कहते सुना है कि उसे नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए? या यह कहते कि पूरी दुनिया उसके पीछे है? ऐसी भाषा किसी जिम्मेदार नेता के लिए शोभा नहीं देती।' थरूर ने कहा कि भारत को ट्रंप की 'अनिश्चित शैली' से नहीं आंका जाना चाहिए और हमें अपनी नीतियों को मजबूती से आगे बढ़ाना होगा.


वैकल्पिक बाजारों की तलाश

वैकल्पिक बाजारों की तलाश जरूरी

कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि भारत को अपने निर्यात बाजारों का विस्तार करना चाहिए ताकि अमेरिकी टैरिफ का असर कम किया जा सके। उन्होंने ब्रिटेन के साथ हाल ही में हुए व्यापार समझौते का जिक्र करते हुए यूरोप, चीन और रूस से रिश्ते मजबूत करने पर बल दिया। थरूर ने कहा कि 'भारत-यूरोप ध्रुव' की जरूरत है, जिससे भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत स्थान मिल सके.


भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव और उम्मीद

भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव और उम्मीद

हालांकि हालात तनावपूर्ण हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया है कि सितंबर तक पहले चरण का व्यापार समझौता सामने आ सकता है। वहीं ट्रंप ने भी प्रधानमंत्री मोदी को 'अच्छा दोस्त' बताते हुए रिश्तों को मजबूत बनाने की इच्छा जताई है.

अमेरिकी सीनेट में भारत के लिए नामित नए राजदूत सर्जियो गोर ने भी कहा कि दोनों देशों के बीच समझौते की संभावना निकट है। बावजूद इसके, ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकता भारत को रूसी तेल खरीदने से रोकना है। थरूर का मानना है कि भारत को इस दबाव से निकलने के लिए विविध विकल्प तलाशने होंगे.