भारत-अमेरिका संबंधों में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद
भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव
भारत-अमेरिका संबंध: हाल के समय में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और ऊर्जा के मुद्दों पर तनाव बढ़ा है। विशेष रूप से, टैरिफ और रूस से तेल खरीद के मामले में दोनों देशों के बीच मतभेद स्पष्ट हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने अब संबंधों में सुधार के संकेत दिए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी और भारत में नए राजदूत के लिए नामित सर्जियो गोर ने कहा कि अमेरिका-भारत संबंध 'गर्मजोशी भरे और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण' बने हुए हैं।
रूस से तेल खरीद पर विवाद
अमेरिकी प्रशासन ने भारत से रूस के साथ तेल व्यापार को रोकने की मांग की है, यह मानते हुए कि यह सौदा मास्को को यूक्रेन युद्ध के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसकी ऊर्जा आवश्यकताएँ राष्ट्रीय हित और बाजार की ताकतों पर आधारित हैं, न कि किसी दबाव पर।
टैरिफ विवाद पर ट्रंप का नरम रुख
हाल ही में अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25% टैरिफ और रूस से तेल आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया था, जिससे तनाव बढ़ा। लेकिन अब ट्रंप ने बातचीत की नई पहल की है और व्यापार बाधाओं को दूर करने के प्रयासों को जारी रखने का आश्वासन दिया है।
रणनीतिक साझेदारी की अहमियत
सर्जियो गोर ने कहा कि अमेरिका और भारत के दीर्घकालिक रणनीतिक लक्ष्य समान हैं। चीन के मुकाबले, भारत और अमेरिका के संबंध अधिक 'मधुर और मजबूत' हैं, जिससे सहयोग की संभावनाएँ व्यापक और गहरी हैं।
आधुनिक क्षेत्रों में सहयोग
ऊर्जा के अलावा, गोर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फार्मा क्षेत्र और महत्वपूर्ण खनिजों में सहयोग की संभावनाओं पर भी चर्चा की। उनका मानना है कि भविष्य में भारत और अमेरिका मिलकर नई दिशा तय करेंगे।
राजनयिक तनाव के बाद सकारात्मक संकेत
पिछले हफ्तों के तनाव के बाद सीनेट समिति की सुनवाई से संकेत मिला है कि संबंध अब सामान्य हो सकते हैं। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत को अमेरिका का सबसे महत्वपूर्ण वैश्विक साझेदार बताया।
मोदी-ट्रंप वार्ता की संभावना
ट्रंप ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करेंगे ताकि व्यापार विवादों का समाधान निकाला जा सके। मोदी ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि वह अमेरिकी दृष्टिकोण से सहमत हैं।