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भारत और अफ्रीका के बीच मजबूत होते रिश्ते: पीएम मोदी के दौरे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल में भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को एक नई दिशा दी है। उनके हालिया दौरे में इथियोपिया, घाना, नामीबिया और मॉरीशस शामिल हैं, जहां उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। जानें कैसे ये दौरे भारत और अफ्रीका के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं।
 

भारत-अफ्रीका संबंधों की मजबूती

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 11 वर्षों में भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। दोनों के बीच सदियों पुराना सहयोग अब एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी में बदल गया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में यह संबंध और भी मजबूत हुए हैं।


महाद्वीपों के साथ संबंधों को बढ़ावा

पिछले वर्ष, पीएम मोदी ने कई उच्च स्तरीय यात्राओं के माध्यम से भारत और अफ्रीका के बीच संबंधों को और मजबूत किया। इन यात्राओं ने कूटनीतिक जुड़ाव और विकास के संबंधों को पुनर्जीवित किया। इथियोपिया का दौरा इस संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


पीएम मोदी के महत्वपूर्ण दौरे

इस वर्ष, पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका, घाना, नामीबिया और मॉरीशस का दौरा किया। इन यात्राओं में उन्होंने रणनीतिक पहुंच को दर्शाया। इथियोपिया में, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हजारों वर्षों से संपर्क और संवाद होता रहा है।


द्विपक्षीय बातचीत और समझौते

अदीस अबाबा में, पीएम मोदी ने इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान, उन्होंने कहा कि इथियोपिया जाकर उन्हें बहुत खुशी हुई। दोनों देशों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, एआई और तकनीक जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।


घाना और नामीबिया में दौरे

घाना में, पीएम मोदी ने कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और यह ग्लोबल साउथ के लिए एक ताकत का स्तंभ बना हुआ है। वहीं, नामीबिया में, उन्होंने स्वास्थ्य और उद्यम के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।


मॉरीशस और नाइजीरिया के दौरे

मार्च में, पीएम मोदी ने मॉरीशस का दौरा किया और वहां के पीएम के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। पिछले साल नाइजीरिया में, उन्हें देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया। दोनों देशों के बीच सुरक्षा, ऊर्जा, और व्यापार के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।


ग्लोबल साउथ की आवाज

पीएम मोदी की विदेश नीति का उद्देश्य विकास के लिए सहयोग और बदलते भूराजनीतिक माहौल में ग्लोबल साउथ की आवाज को बढ़ाना है।