भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद: क्या है हालात?
भारत-अमेरिका द्विपक्षीय वार्ता का हाल
टैरिफ विवाद: हाल ही में, अमेरिकी विदेश विभाग के एक उच्च अधिकारी ने भारत और अमेरिका के बीच चल रही द्विपक्षीय वार्ता और रूसी तेल पर लागू टैरिफ के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय संवाद लगातार जारी है और इस विवाद का समाधान जल्द ही निकलने की उम्मीद है। इस संदर्भ में, अमेरिकी संसद में एक विधेयक पेश किया गया था, जिसमें रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा गया था। भारत पर वर्तमान में लागू 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क पर भी चर्चा हो रही है।
विदेश मंत्रियों की बैठक में चर्चा
अधिकारी ने बताया कि इस मुद्दे को इस सप्ताह विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की द्विपक्षीय बैठक में भी उठाया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का स्पष्ट उद्देश्य यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना है और रूस को आय का कोई स्रोत नहीं मिलना चाहिए। यह संदेश यूरोपीय साझेदारों और भारत दोनों को स्पष्ट रूप से दिया गया है।
चीन पर अमेरिका का दृष्टिकोण
चीन पर अमेरिका का दृष्टिकोण
चीन के संदर्भ में, अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन बीजिंग के साथ अपने तरीके से निपट रहा है और वहां भी इसी तरह के संदेश दिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत पर लागू दबाव यूरोपीय देशों पर लागू दबाव से भिन्न नहीं है और अमेरिका सभी देशों से अपेक्षा करता है कि वे रूस से होने वाली आय को समाप्त करें।
ईरान पर अमेरिका की नीति
विदेश विभाग के अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने ईरान स्वतंत्रता एवं प्रसार रोधी कानून (IFCA) के तहत दी गई छूटों को समाप्त कर दिया है। इसके तहत अफगानिस्तान में चाबहार बंदरगाह का भारत द्वारा उपयोग अब प्रतिबंधित कर दिया गया है। राष्ट्रपति ट्रंप ईरान पर अधिकतम दबाव की नीति को लागू कर रहे हैं और इससे जुड़े सभी स्रोतों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
एच1बी वीजा शुल्क पर जानकारी
एच1बी वीजा शुल्क के संदर्भ में, अधिकारी ने कहा कि हाल में घोषित 100,000 डॉलर शुल्क केवल नए आवेदकों पर लागू होगा और वर्तमान वीजाधारकों के लिए इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। इसका उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया में धोखाधड़ी को रोकना और योग्य पेशेवरों की सही भर्ती सुनिश्चित करना है।
अमेरिका-भारत संबंधों की सकारात्मक दिशा
अमेरिका और भारत के रिश्तों की सकारात्मक दिशा पर जोर
अधिकारी ने अमेरिका और भारत के रिश्तों की सकारात्मक दिशा पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस की भारत यात्रा और क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठकें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का हिस्सा हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि हाल के विवाद कुछ तनाव पैदा कर रहे हैं, फिर भी दोनों देशों के संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और लगातार विस्तार कर रहे हैं।
संक्षेप में
कुल मिलाकर, अमेरिका और भारत के बीच रूस से ऊर्जा खरीद और टैक्स मुद्दों पर संवाद जारी है, जबकि दोनों पक्ष सुरक्षा, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी के मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।