भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संधि की घोषणा, चीन को मिला बड़ा लाभ
भारत और अमेरिका के व्यापार संबंधों में नया मोड़
नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही थी, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के साथ टैरिफ युद्ध में लगे हुए थे। लेकिन अमेरिका ने पहले चीन के साथ व्यापार संधि की घोषणा कर दी। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस संधि का ऐलान किया, हालांकि इसे लागू करने के लिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग की मंजूरी की आवश्यकता है। यह घोषणा लंदन में अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और चीन के उप प्रधानमंत्री हे लिफेंग के बीच बातचीत के बाद की गई।
इस व्यापार समझौते के तहत अमेरिका को चीन से रेयर अर्थ मटेरियल प्राप्त होगा, और इसके बदले में अमेरिका अपने विश्वविद्यालयों में चीन के छात्रों को पढ़ाई की अनुमति देगा। यह मटेरियल कारों, इलेक्ट्रिक वाहनों, तकनीकी उपकरणों, स्मार्टफोन्स और ड्रोन के लिए आवश्यक है। चीन ने इसकी आपूर्ति को सीमित कर दिया था, जिससे अमेरिका का ऑटो उद्योग प्रभावित हुआ था। इस स्थिति को देखते हुए ट्रंप ने शी जिनफिंग से फोन पर बात की और व्यापार संधि का रास्ता तैयार किया।
ट्रंप ने संधि की घोषणा करते हुए कहा कि यह अमेरिका के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे आयात शुल्क में अमेरिका को 55 प्रतिशत लाभ होगा, जबकि चीन को केवल 10 प्रतिशत। इस व्यापार संधि की विस्तृत जानकारी बाद में सामने आएगी, जब इसे अंतिम रूप देने के लिए शी जिनफिंग की मंजूरी मिलेगी। इससे पहले, अमेरिका और चीन के बीच 11 मई को जिनेवा में एक समझौते पर सहमति बनी थी, जिसमें टैरिफ में 115 प्रतिशत की कटौती का ऐलान किया गया था। इसके अनुसार, अमेरिका चीनी सामानों पर 30 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा, जबकि चीन अमेरिकी सामानों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा। यह कटौती तीन महीने के लिए लागू होगी।
समझौते को अंतिम रूप देने से पहले, अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने कहा था कि दोनों देश जिनेवा में हुए समझौते और नेताओं की बातचीत को लागू करने के लिए तैयार हैं। चीन के व्यापार मामलों के वरिष्ठ अधिकारी ली चेंगगांग ने भी इसी बात की पुष्टि की। हाल ही में ट्रंप और शी जिनफिंग के बीच फोन पर बातचीत हुई थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव में कमी आई। इससे पहले, स्विट्जरलैंड में हुई एक बैठक में यह तय हुआ था कि अप्रैल में जोड़े गए नए टैरिफ को 90 दिनों के लिए रोका जाएगा और कुछ पुराने फैसले भी वापस लिए जाएंगे।