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भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएं बढ़ीं

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों में नई उम्मीदें जगी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक महत्वपूर्ण समिट में भारत के साथ व्यापार समझौते पर काम जारी रखने की घोषणा की। उन्होंने वैश्विक व्यापार प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस बीच, दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत फिर से शुरू हुई है, जिससे आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में गति मिल रही है। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में नई उम्मीद

भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ और व्यापार विवाद के समाधान की उम्मीदें बढ़ गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बात का संकेत दिया है। उन्होंने बुधवार को अपनी एशिया यात्रा के दौरान दक्षिण कोरिया के ग्यांगजू में आयोजित एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) सीईओ समिट में भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर काम जारी रखने की घोषणा की।

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका विश्वभर में इसी तरह के समझौतों पर कार्य कर रहा है, ताकि द्विपक्षीय संबंधों को संतुलित किया जा सके। उन्होंने मलेशिया, कंबोडिया और जापान के साथ महत्वपूर्ण समझौतों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति अपनी गहरी प्रशंसा व्यक्त की।

समिट में वैश्विक सीईओ, विशेषज्ञों और प्रमुख आर्थिक नेताओं की उपस्थिति में ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वह भारत के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुई झड़पों को समाप्त करने में व्यापार नीतियों की भूमिका का भी उल्लेख किया। यह बयान तब आया है जब हाल के हफ्तों में भारत और अमेरिका के अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत फिर से शुरू हुई है।

टैरिफ की स्थिति

यह ध्यान देने योग्य है कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ और रूसी तेल खरीद पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत का जुर्माना लगाने के बाद बातचीत में रुकावट आई थी। सितंबर 2025 में अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों के साथ चर्चा की, जिसके बाद ट्रंप के करीबी सहयोगी और अमेरिकी राजदूत-नामित सर्जियो गोर ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अमेरिका दौरे के दौरान भी व्यापार चर्चाएं प्रमुख रहीं। इन प्रयासों से संकेत मिलता है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में गति आ रही है।

ट्रंप ने अपने भाषण में आर्थिक सुरक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा बताते हुए वैश्विक व्यापार प्रणाली को सुधार की आवश्यकता वाला बताया। उन्होंने कहा कि हम एक के बाद एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, ताकि हमारे संबंधों को संतुलित किया जा सके। ट्रंप के अनुसार, यह सभी के लिए लाभकारी साबित होगा।