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भारत और इंग्लैंड के बीच 5वें टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन

भारत और इंग्लैंड के बीच 5वें टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। पहले दिन के अंत में 204 रन पर खड़ी टीम, दूसरे दिन केवल 224 रनों पर सिमट गई। करुण नायर ने 57 रनों की पारी खेली, लेकिन अन्य बल्लेबाजों का प्रदर्शन कमजोर रहा। इंग्लैंड के गस एटकिंसन ने 5 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया। जानें इस मैच के महत्वपूर्ण क्षण और आगे की संभावनाएं।
 

भारत की पहली पारी में गिरावट

भारत बनाम इंग्लैंड 5वां टेस्ट: ओवल टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय टीम ने 6 विकेट पर 204 रन से आगे खेलते हुए उम्मीद जताई थी कि वे एक मजबूत स्कोर बनाएंगे, लेकिन सभी प्रमुख बल्लेबाज असफल रहे और भारत की पहली पारी 224 रनों पर समाप्त हो गई। दूसरे दिन की शुरुआत में, टीम इंडिया ने मात्र 20 रनों के भीतर अपने अंतिम 4 विकेट खो दिए। करुण नायर ने 57 रनों की पारी खेलकर टीम के लिए अर्धशतक बनाया। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज गस एटकिंसन ने 5 विकेट लेकर शानदार प्रदर्शन किया, जो उनके टेस्ट करियर में चौथी बार है जब उन्होंने एक पारी में 5 या उससे अधिक विकेट लिए हैं।


टॉस जीतकर इंग्लैंड ने लिया बल्लेबाजी का न्योता

इंग्लैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी करने का मौका दिया। भारतीय टीम के प्रमुख बल्लेबाजों ने निराशाजनक प्रदर्शन किया, और विकेट गिरने का सिलसिला तब शुरू हुआ जब यशस्वी जायसवाल केवल 2 रन बनाकर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। केएल राहुल ने 14 रन बनाए, जबकि साई सुदर्शन ने 38 रन बनाकर अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में नहीं बदल पाए।


कप्तान और अन्य बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन

कप्तान शुभमन गिल ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन जल्दबाजी में 21 रन पर रन आउट हो गए। मैनचेस्टर टेस्ट में शतक लगाने वाले रवींद्र जडेजा इस बार केवल 9 रन बनाकर आउट हो गए। भारत की आधी टीम 123 रनों पर पवेलियन लौट चुकी थी। इस दौरान, करुण नायर ने एक छोर संभाले रखा, लेकिन दूसरे छोर से विकेट गिरते रहे। ऋषभ पंत की जगह प्लेइंग इलेवन में आए ध्रुव जुरेल ने 19 रन बनाकर अपना विकेट गंवाया।


महत्वपूर्ण साझेदारी और अंतिम विकेटों का पतन

करुण नायर और वाशिंगटन सुंदर ने किसी तरह टीम का स्कोर 200 के पार पहुंचाया, दोनों के बीच 65 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई। पहले दिन के अंत में भारत का स्कोर 204/6 था। दूसरे दिन जब भारतीय बल्लेबाज मैदान पर उतरे, तो अंतिम 4 विकेट केवल 34 गेंदों में ही गिर गए। इस दौरान, बल्लेबाजों ने 20 रन बनाकर अपने चार विकेट खो दिए।