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भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज में नए युग की शुरुआत

भारत और इंग्लैंड के बीच 24 जून से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को अपने दिग्गज खिलाड़ियों रोहित शर्मा और विराट कोहली के बिना खेलना होगा। नए कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई में टीम युवा खिलाड़ियों के साथ नए युग की शुरुआत कर रही है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने इस चुनौती पर अपनी राय दी है और भारत की युवा प्रतिभाओं पर भरोसा जताया है। जानें इस सीरीज में क्या होगा खास।
 

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज का आगाज

ENG vs IND: भारत और इंग्लैंड के बीच 24 जून से हेडिंग्ले कार्नेगी स्टेडियम में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला शुरू होने जा रही है। इस बार भारतीय टीम को अपने दो प्रमुख खिलाड़ियों, रोहित शर्मा और विराट कोहली के बिना मैदान में उतरना होगा।


रोहित और विराट की अनुपस्थिति

रोहित शर्मा और विराट कोहली भारतीय टेस्ट क्रिकेट के दो महत्वपूर्ण स्तंभ रहे हैं। इनकी बल्लेबाजी और अनुभव ने भारत को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई हैं। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने इस चुनौती पर अपनी राय व्यक्त की और भारत की युवा प्रतिभाओं पर विश्वास जताया। उन्होंने कहा, "ऐसे खिलाड़ियों की जगह लेना कठिन है, जो लंबे समय तक खेलते रहे हैं और जिनका अनुभव अद्वितीय है। लेकिन अगर कोई देश इसे जल्दी कर सकता है, तो वह भारत है, क्योंकि उनके पास युवा प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है।"


युवा खिलाड़ियों पर पोंटिंग का विश्वास

पोंटिंग ने भारत के युवा खिलाड़ियों की सराहना की, विशेष रूप से यशस्वी जायसवाल का नाम लिया। उन्होंने कहा, "पिछले 10 वर्षों में मैंने IPL में देखा है कि यशस्वी जैसे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आते हैं और तुरंत प्रभाव डालते हैं।" उनका मानना है कि भारत के पास ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, जो रोहित और कोहली की जगह आसानी से ले सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इन दिग्गजों का अनुभव और नेतृत्व की कमी महसूस होगी।


शुभमन गिल का नेतृत्व

नए कप्तान शुभमन गिल इस श्रृंखला में भारतीय टीम का नेतृत्व करेंगे। गिल ने प्री-डिपार्चर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "रोहित और कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ियों ने हमें कई जीत दिलाई हैं। उनकी जगह लेना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन हमारी टीम में युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण है।" गिल ने यह भी कहा कि यह स्थिति टीम पर अतिरिक्त दबाव नहीं डालेगी, क्योंकि भारतीय खिलाड़ी हमेशा दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहते हैं।