भारत और नेपाल के बीच संवेदनशील बातचीत: पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
नेपाल के राष्ट्रीय दिवस पर पीएम मोदी की संवेदनाएं
Nepal National Day: हाल ही में नेपाल में हुई दुखद घटनाओं के संदर्भ में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से फोन पर संवाद किया। इस बातचीत में पीएम मोदी ने नेपाल में जानमाल के नुकसान पर गहरा शोक व्यक्त किया और संकट के इस समय में भारत की ओर से नेपाल के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने नेपाल के राष्ट्रीय दिवस पर सुशीला कार्की और नेपालवासियों को शुभकामनाएं भी दीं। पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत नेपाल में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन
PM मोदी की संवेदना और समर्थन
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा कि हाल में नेपाल में हुई त्रासदी पर भारत को गहरा दुख है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत नेपाल के लोगों के साथ इस कठिन समय में पूरी तरह से खड़ा है और हर कदम पर उनकी मदद करेगा।
राष्ट्रीय दिवस पर शुभकामनाएं
राष्ट्रीय दिवस पर दी शुभकामनाएं
नेपाल का राष्ट्रीय दिवस 19 सितंबर को मनाया जाता है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने X पर लिखा कि नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की से सौहार्दपूर्ण बातचीत हुई। उन्होंने हाल में हुई दुखद घटनाओं पर शोक व्यक्त किया और नेपाल में शांति व स्थिरता बहाल करने के उनके प्रयासों में भारत के अटूट समर्थन का आश्वासन दिया। साथ ही, नेपाल के राष्ट्रीय दिवस की पूर्व संध्या पर उन्हें और नेपाल की जनता को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
भारत-नेपाल संबंधों में मजबूती का संकेत
भारत-नेपाल संबंधों में मजबूती का संकेत
यह बातचीत इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है। नेपाल की अस्थिर राजनीतिक परिस्थितियों और हाल की घटनाओं के मद्देनजर, यह समर्थन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भारत और नेपाल ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से गहरे जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी की इस संवेदनशील प्रतिक्रिया ने एक बार फिर दिखा दिया है कि भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ मुश्किल वक्त में खड़ा रहता है, चाहे वो मानवीय सहायता हो या राजनीतिक समर्थन।