भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौता: एक नई आर्थिक दिशा की ओर
भारत-न्यूजीलैंड एफटीए का ऐतिहासिक समापन
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सफल समापन की जानकारी दी। यह 2025 में भारत का तीसरा एफटीए है, इससे पहले भारत ने जुलाई में यूनाइटेड किंगडम और 18 दिसंबर को ओमान के साथ भी एफटीए को अंतिम रूप दिया था। इस नए समझौते को भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
लंबी वार्ता के बाद बनी सहमति
सूत्रों के अनुसार, इस समझौते को अंतिम रूप देने के लिए दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हुई। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की न्यूजीलैंड यात्रा के दौरान रोटोरुआ में औपचारिक वार्ता का चौथा दौर आयोजित किया गया। इसके बाद आमने-सामने और वर्चुअल बैठकों के माध्यम से सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी। समझौते का मसौदा तैयार है और इसके औपचारिक ऐलान की प्रक्रिया जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है।
मंत्रिस्तरीय बैठकों से मिली गति
12 दिसंबर को न्यूजीलैंड के व्यापार और निवेश मंत्री टॉड मैक्ले ने नई दिल्ली में पीयूष गोयल से मुलाकात की। इस बैठक में एफटीए वार्ता को आगे बढ़ाने और बाकी मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित किया कि समझौता संतुलित और व्यावहारिक होगा, जिससे दोनों देशों को समान लाभ मिल सके।
किसानों और डेयरी क्षेत्र की सुरक्षा पर जोर
इस प्रस्तावित एफटीए में भारत ने अपने संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर छोटे किसानों और डेयरी उद्योग की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। हालांकि, भारत न्यूजीलैंड से आने वाले कुछ गैर-प्रतिस्पर्धी उत्पादों, जैसे कीवी फल और लकड़ी, पर सीमित रियायतें देने पर विचार कर सकता है। सरकार का मानना है कि इससे घरेलू उत्पादकों पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
नए क्षेत्रों में खुलेंगे अवसर
यह समझौता भारत को पारस्परिक मान्यता समझौतों (एमआरए) के माध्यम से न्यूजीलैंड में जैविक उत्पादों, दवाइयों और पेशेवर सेवाओं की आपूर्ति में सहायता करेगा। एमआरए के तहत दोनों देश एक-दूसरे की गुणवत्ता मानकों और पेशेवर योग्यताओं को मान्यता देंगे, जिससे व्यापार करना आसान होगा।
निर्यात विविधीकरण को मिलेगा बढ़ावा
2025 का यह तीसरा एफटीए भारतीय निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे भारत को अपने निर्यात बाजारों में विविधता लाने और किसी एक क्षेत्र पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। सरकार का उद्देश्य व्यापार बाधाओं को कम करना और निवेश तथा व्यवसाय के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना है।
तेजी से बढ़ता द्विपक्षीय व्यापार
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, 2024-25 में भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 49 प्रतिशत अधिक है। एफटीए के लागू होने से कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, शिक्षा और सेवा क्षेत्रों में नई संभावनाएं खुलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री स्तर पर मिला राजनीतिक समर्थन
भारत-न्यूजीलैंड एफटीए वार्ता को दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात से भी नई गति मिली। मार्च 2025 में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की भारत यात्रा के दौरान दोनों नेताओं ने इस समझौते को गहरे आर्थिक एकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। साथ ही डिजिटल भुगतान और अन्य आधुनिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी।