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भारत और न्यूजीलैंड के बीच व्यापारिक संबंधों में मजबूती: नया मुक्त व्यापार समझौता

भारत और न्यूजीलैंड के बीच हाल ही में हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) ने दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। पिछले कुछ वर्षों में, दोनों देशों के बीच व्यापार में स्थिरता देखी गई है, और यह समझौता भारतीय वस्तुओं के लिए न्यूनतम शुल्क सुनिश्चित करेगा। जानें इस समझौते के पीछे की कहानी और इसके संभावित लाभ।
 

भारत-न्यूजीलैंड व्यापार का वर्तमान परिदृश्य


भारत और न्यूजीलैंड के बीच व्यापार का आंकड़ा 3.68 अरब डॉलर से अधिक


India-New Zealand FTA, बिजनेस डेस्क: हाल के वर्षों में, भारत और न्यूजीलैंड ने एक मजबूत आर्थिक साझेदारी स्थापित की है। दोनों देशों के बीच व्यापार में लगातार वृद्धि हो रही है, जो बिना किसी मतभेद के नई ऊंचाइयों को छू रहा है। हाल ही में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) इस संबंध को और भी मजबूत करेगा, जिससे दोनों देशों को कई आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी।


सिर्फ आठ महीनों में हुआ समझौता

भारत और न्यूजीलैंड के बीच एफटीए पर बातचीत की औपचारिक शुरुआत 16 मार्च 2025 को हुई थी। यह बैठक भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के व्यापार और निवेश मंत्री टॉड मैक्ले के बीच हुई। इस समझौते से भारत को कई क्षेत्रों में लाभ मिलने की उम्मीद है, विशेषकर कुशल श्रमिकों, सेवा निर्यात और निवेश के क्षेत्र में। यह समझौता भारतीय वस्तुओं के लिए न्यूनतम या शून्य शुल्क सुनिश्चित करेगा, जिससे भारतीय निर्यातकों की पहुंच बढ़ेगी।


कोरोना के बाद व्यापार में वृद्धि

भारत और न्यूजीलैंड के बीच व्यापार में स्थिरता देखी गई है। पिछले पांच वर्षों के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1.67 अरब डॉलर था। हालांकि, कोरोना महामारी के कारण 2021 और 2022 में व्यापार में कमी आई। लेकिन 2023 में, यह फिर से बढ़ने लगा और 2024 में यह आंकड़ा दो अरब डॉलर को पार कर गया।


जून 2025 में समाप्त हुए वर्ष में, भारत-न्यूजीलैंड के बीच वस्तुओं और सेवाओं का कुल व्यापार 3.68 अरब डॉलर तक पहुंच गया। इसके बावजूद, भारत न्यूजीलैंड के लिए 12वां सबसे बड़ा निर्यात बाजार बना हुआ है, जबकि न्यूजीलैंड अपने कुल निर्यात का केवल 1.5 प्रतिशत भारत को भेजता है।