भारत और पाकिस्तान का तालिबान के मुद्दे पर एकजुटता
मॉस्को फॉर्मेट वार्ता
मॉस्को फॉर्मेट वार्ता: वर्तमान में भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं। फिर भी, दोनों देश एक विशेष मुद्दे पर एकजुट हैं। भारत, तालिबान, पाकिस्तान, रूस और चीन मिलकर अमेरिका के खिलाफ खड़े हैं। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर नियंत्रण चाहते हैं, जिसका भारत ने विरोध किया है।
मॉस्को फॉर्मेट की वार्ता में विभिन्न देशों के समूह ने अफगानिस्तान में विकास और समृद्धि के मुद्दे पर चर्चा की। इन देशों ने अफगानिस्तान में विदेशी सैन्य आधार स्थापित करने के प्रयासों को पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया, यह कहते हुए कि ऐसा करना क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए हानिकारक है।
डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप ने इस वार्ता से कुछ सप्ताह पहले कहा था कि तालिबान को बगराम एयरबेस अमेरिका को सौंप देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह वॉशिंगटन द्वारा स्थापित किया गया था, इसलिए उन्हें ऐसा करना चाहिए। इसके बाद यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया। सोशल मीडिया पर उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। हालांकि, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने ट्रंप की मांग को ठुकराते हुए कहा कि वे अपनी भूमि किसी अन्य देश को नहीं देंगे।
आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा
आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा
तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भी इस वार्ता में शामिल थे। इस दौरान आतंकवाद के खिलाफ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तर पर सहयोग को मजबूत करने की बात की गई। मॉस्को फॉर्मेट की सातवीं बैठक में भारत, रूस और चीन के अलावा, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान भी शामिल थे। इन देशों ने अफगानिस्तान के आर्थिक संबंधों की आवश्यकता पर जोर दिया। भारतीय राजदूत विनय कुमार ने अफगानिस्तान के सामाजिक-आर्थिक विकास का समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि आमिर खान मुत्ताकी इस सप्ताह भारत की यात्रा पर आने वाले हैं।