भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण बैठक
पीएम मोदी और ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर की महत्वपूर्ण मुलाकात
भारत और ब्रिटेन के बीच महत्वपूर्ण बैठक
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर अपनी पहली भारत यात्रा पर कल पहुंचे थे। आज उनके दौरे का दूसरा दिन है, जिसमें वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महत्वपूर्ण चर्चा करेंगे। अमेरिका द्वारा उच्च टैरिफ लगाने के बाद, दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने के प्रयास जारी हैं, और इस बैठक को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस बैठक में, दोनों नेता विजन-2035 कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। पीएम मोदी की जुलाई में लंदन यात्रा के दौरान, स्टार्मर ने भारत-यूके विजन 2035 का समर्थन किया था, जो दोनों देशों के सहयोग को दर्शाता है। मुंबई में होने वाली इस बैठक में इस पर महत्वपूर्ण चर्चा की जाएगी।
विजन-2035 के रोडमैप की समीक्षा
पीएम मोदी और ब्रिटेन के पीएम विजन 2035 के तहत भारत-ब्रिटेन की व्यापक रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा करेंगे। इस दौरान, दोनों नेता भारत-ब्रिटेन कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (सीईटीए) और अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे। विजन 2035 व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, रक्षा, जलवायु, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों के प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में भागीदारी
आज, दोनों नेता जियो वर्ल्ड सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) के छठे संस्करण में भी भाग लेंगे। इस अवसर पर वे लोगों को संबोधित करेंगे। यह कार्यक्रम दुनिया भर के नवप्रवर्तकों, नीति निर्माताओं, और उद्योग के नेताओं को एक साथ लाने का एक मंच है। सम्मेलन का मुख्य विषय बेहतर दुनिया के लिए वित्त को सशक्त बनाना है।
जुलाई में पीएम मोदी की बड़ी घोषणा
जुलाई में पीएम मोदी ने इंग्लैंड दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाने की बात की थी। उन्होंने 2030 तक निर्यात को 1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें ब्रिटेन एक प्रमुख साझेदार है। पीएम मोदी ने कहा कि यह समझौता केवल आर्थिक साझेदारी नहीं है, बल्कि साझा समृद्धि की योजना है।
भारतीय टेक्सटाइल, फुटवियर, जेम्स और ज्वेलरी, सी फूड और इंजीनियरिंग उत्पादों को ब्रिटेन में बेहतर पहुंच मिलेगी। वहीं, ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इस समझौते से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में हर साल 4.8 अरब पाउंड का योगदान होगा।