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भारत और यूके के प्रधानमंत्रियों के बीच शांति वार्ता का महत्व

हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूके के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने गाजा और यूक्रेन में शांति की आवश्यकता पर चर्चा की। इस वार्ता में दोनों नेताओं ने वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा के मुद्दों पर विचार किया। गाजा में शांति योजना के पहले चरण के समझौते का स्वागत करते हुए, स्टारमर ने कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की। मोदी ने भारत की शांति के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सभी संघर्षों का समाधान संभव है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के अन्य पहलुओं के बारे में।
 

भारत-यूके शांति वार्ता

नई दिल्ली। यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने गाजा में शांति योजना के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में स्थायी शांति की आवश्यकता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा पर भी विचार-विमर्श किया।

गुरुवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, कीर स्टारमर ने कहा कि भारत और यूके ने वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने गाजा में शांति योजना के पहले चरण के समझौते का स्वागत किया, जो बंधकों और गाजा की आम जनता के लिए राहत का क्षण है। उन्होंने मिस्र, कतर, तुर्की और अमेरिका जैसे देशों के कूटनीतिक प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस समझौते को तुरंत लागू किया जाना चाहिए।

स्टारमर ने आगे कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग की आवश्यकता पर भी चर्चा की, जिसमें जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने का मुद्दा शामिल है। संयुक्त राष्ट्र की उच्चस्तरीय बैठक में भारत की भूमिका को उजागर करते हुए, उन्होंने कहा कि भारत एक वैश्विक शक्ति है।

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत की शांति के प्रति प्रतिबद्धता स्पष्ट है। उन्होंने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से सभी संघर्षों के समाधान का समर्थन किया। मोदी ने यह भी कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है।