भारत और रूस का सिविल परमाणु ऊर्जा सहयोग को मजबूत करने का प्रस्ताव
भारत और रूस के बीच सिविल परमाणु ऊर्जा सहयोग
भारत और रूस मिलकर कई परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। हाल ही में, रूस ने भारत को एक नया प्रस्ताव दिया है। जानकारी के अनुसार, रूस ने सिविल परमाणु ऊर्जा सहयोग को और मजबूत करने के लिए बड़े और छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के स्थानीयकरण में सहयोग की पेशकश की है। यह जानकारी 19 सितंबर को सामने आई। वर्तमान में, रूस तमिलनाडु के कुंडककुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण कर रहा है। रूस की सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी रोसाटॉम के महानिदेशक एलेक्सी लिकाचेव ने 15-20 सितंबर को वियना में आयोजित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की 69वीं वार्षिक सभा के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इस प्रस्ताव पर चर्चा की।
रोसाटॉम का भारत के साथ सहयोग
रोसाटॉम के एक बयान में कहा गया है कि भारत के साथ बातचीत का उद्देश्य शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा में सहयोग को बढ़ाना है। रोसाटॉम ने भारत की औद्योगिक क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए बड़े और छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजनाओं के स्थानीयकरण की पेशकश की है। बैठक में दोनों पक्षों ने कुंडककुलम एनपीपी के दूसरे और तीसरे चरण में निर्माणाधीन चार इकाइयों की प्रगति की समीक्षा की और भविष्य में रूसी डिजाइन वाले बड़े और छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के क्रमिक निर्माण पर चर्चा की।
कुडनकुलम एनपीपी की प्रगति
रोसाटॉम की विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारत के साथ बातचीत का मुख्य फोकस शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना है। कुंडककुलम एनपीपी के पहले चरण में रोसाटॉम ने पहले ही दो इकाइयां चालू कर दी हैं। दोनों पक्षों ने कुंडककुलम एनपीपी के चरण 2 और 3 के लिए निर्माणाधीन चार इकाइयों की प्रगति की समीक्षा की और भारत में रूसी डिजाइन वाले बड़े एवं छोटे एनपीपी के क्रमिक निर्माण के अवसरों की खोज की।