×

भारत और सीरिया के बीच पहली औपचारिक वार्ता

भारत के राजनयिक सुरेश कुमार ने दमिश्क में सीरियाई मंत्रियों के साथ पहली औपचारिक बातचीत की। यह बैठक अहमद अल-शरा के नेतृत्व वाली संक्रमणकालीन सरकार के साथ हुई। भारत और सीरिया के बीच ऐतिहासिक संबंधों को देखते हुए, यह वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जानें इस बैठक के पीछे की कहानी और सीरिया में राजनीतिक बदलाव के बारे में।
 

भारत और सीरिया के बीच महत्वपूर्ण बैठक

भारतीय राजनयिक ने दमिश्क में सीरियाई मंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की है, जो कि पूर्व हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) नेता अहमद अल-शरा के नेतृत्व वाली सीरिया की संक्रमणकालीन सरकार के साथ भारत की पहली औपचारिक बातचीत है। सीरियाई समाचार एजेंसी सना के अनुसार, विदेश मंत्रालय में पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका (वाना) विभाग के निदेशक सुरेश कुमार ने सीरिया के विदेश मंत्री असद अल-शैबानी और स्वास्थ्य मंत्री मुसाब अल-अली के साथ चर्चा की। हालांकि, कुमार की सीरिया यात्रा पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।


सीरिया में राजनीतिक बदलाव

एचटीएस के पूर्व नेता शारा ने पिछले साल दिसंबर में सत्ता संभाली थी, जब बशर अल असद को तख्ता पलट का सामना करना पड़ा था। सोमवार को, सुरेश कुमार ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दमिश्क में विदेश मंत्री असद अल शैबानी से मुलाकात की, साथ ही स्वास्थ्य मंत्री से भी बातचीत की। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, बातचीत हुई है। सीरिया की न्यूज एजेंसी सना के मुताबिक, भारतीय प्रतिनिधियों के साथ मंत्रियों की चर्चा हुई है।


भारत और सीरिया के बीच ऐतिहासिक संबंध

गुटनिरपेक्ष आंदोलन के समय से ही भारत और सीरिया के बीच घनिष्ठ संबंध रहे हैं। दोनों देश इस आंदोलन के सदस्य रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में असद की सत्ता जाने के बाद से सीरिया में स्थिति स्थिर नहीं हो पाई है। शारा ने हाल ही में देश के संविधान के ड्राफ्ट के लिए एक सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। इस पर भारत ने औपचारिक रूप से कहा था कि सीरिया में संविधान निर्माण सभी के हित में है।