भारत का 76वां संविधान दिवस: राष्ट्रपति मुर्मू ने किया संविधान का अनुवाद जारी
संविधान दिवस का विशेष आयोजन
नई दिल्ली। आज भारत 76वां संविधान दिवस मना रहा है। इस अवसर पर संसद के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस मौके पर संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, और स्पीकर ओम बिरला समेत कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित थीं। राष्ट्रपति ने संविधान का नौ भाषाओं में अनुवाद भी जारी किया।
राष्ट्रपति का संबोधन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संविधान दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर उपस्थित होकर उन्हें खुशी हो रही है। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने इस केंद्रीय कक्ष में भारत के संविधान का प्रारूप तैयार किया था। उसी दिन भारत के लोगों ने अपने संविधान को अपनाया था। स्वतंत्रता के बाद, संविधान सभा ने भारत की अंतरिम संसद के रूप में भी कार्य किया। डॉ. भीमराव आम्बेडकर, जो प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे, हमारे संविधान के प्रमुख निर्माताओं में से एक थे।
संविधान की प्रस्तावना का पाठ
राष्ट्रपति मुर्मू ने संसद के सेंट्रल हॉल में भारत के संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इसके बाद राष्ट्रगान का आयोजन हुआ। इस दौरान उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, स्पीकर, और अन्य सांसदों ने भी प्रस्तावना को पढ़ा।
संविधान का अनुवाद
राष्ट्रपति ने संविधान का डिजिटल अनुवाद मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया, असमिया और मलयालम जैसी नौ भाषाओं में जारी किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन संविधान निर्माताओं के प्रति सम्मान व्यक्त करने का है।
उपराष्ट्रपति का संदेश
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि यह संविधान उन लोगों की सामूहिक बुद्धिमत्ता और त्याग का प्रतीक है जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी। उन्होंने बताया कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद हुए चुनावों में भारी मतदान ने हमारे लोकतंत्र में विश्वास को फिर से दर्शाया है।
लोकसभा स्पीकर का स्वागत
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संविधान सभा को याद करते हुए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संविधान सभा का केंद्रीय कक्ष संवाद और विचार मंथन का स्थान है, जहां जनता की आकांक्षाओं को ध्यान में रखा गया।