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भारत का अंतरिक्ष सुरक्षा कार्यक्रम: बॉडीगार्ड सैटेलाइट्स का विकास

भारत अब अपने उपग्रहों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बॉडीगार्ड सैटेलाइट्स विकसित करने की योजना बना रहा है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो रही है, जिसमें 50 निगरानी उपग्रहों का बेड़ा तैयार किया जाएगा। इस कदम से भारत की अंतरिक्ष-आधारित निगरानी क्षमताएं और भी मजबूत होंगी। जानें इस नई तकनीक और सुरक्षा उपायों के बारे में, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
 

भारत की नई अंतरिक्ष सुरक्षा पहल

नई दिल्ली: भारत अब अपने उपग्रहों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 'बॉडीगार्ड सैटेलाइट्स' विकसित करने की योजना पर कार्य कर रही है। ये सैटेलाइट्स, जैसे कि जमीन पर S-400 डिफेंस सिस्टम दुश्मनों से सुरक्षा प्रदान करता है, अंतरिक्ष में भारतीय उपग्रहों को भी खतरे से बचाने का कार्य करेंगी।


सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

सूत्रों के अनुसार, यह पहल तब तेज हुई जब 2024 के मध्य में एक पड़ोसी देश का उपग्रह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक उपग्रह के करीब एक किलोमीटर की दूरी पर पहुंच गया था। यह उपग्रह 500-600 किलोमीटर की ऊंचाई पर था और इसका उपयोग सैन्य गतिविधियों जैसे मैपिंग और ग्राउंड मॉनिटरिंग के लिए किया जा रहा था। हालांकि टकराव टल गया, लेकिन इसे 'क्षमता का प्रदर्शन' माना गया।


निगरानी उपग्रहों का बेड़ा

सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह पहल भारत की व्यापक सुरक्षा योजना का हिस्सा है। लगभग 2.7 लाख करोड़ रुपये (3 अरब डॉलर) की लागत से 50 निगरानी उपग्रहों का एक बेड़ा तैयार किया जाएगा, जिसमें से पहला उपग्रह अगले वर्ष लॉन्च किया जा सकता है। इससे भारत की अंतरिक्ष-आधारित निगरानी क्षमताएं और भी मजबूत होंगी।


नई तकनीकों पर ध्यान

सरकार स्टार्टअप्स के साथ मिलकर नई तकनीकों पर भी काम करने की योजना बना रही है। इसमें LiDAR (लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग) सैटेलाइट्स शामिल हैं, जो संभावित खतरों की पहचान में तेजी लाने और धरती पर मौजूद ऑपरेटर्स को समय पर चेतावनी देने में मदद करेंगे। हालांकि, इस पर चर्चा अभी प्रारंभिक चरण में है। विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे उपग्रहों का महत्व बढ़ रहा है, भारत का यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।


भारत की उपग्रह स्थिति

यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के पिछले सात दशकों में कई सशस्त्र संघर्ष हो चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, पाकिस्तान के पास केवल 8 उपग्रह हैं, जबकि भारत के पास 100 से अधिक सैटेलाइट्स हैं। चीन इस मामले में सबसे आगे है, जिसके पास 930 से अधिक उपग्रह हैं।


चीन और पाकिस्तान का सहयोग

भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधीन एक रिसर्च ग्रुप ने हाल ही में खुलासा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान की मदद की थी और इस्लामाबाद को अपने सैटेलाइट कवरेज को एडजस्ट करने में सहयोग दिया था।