भारत का अनोखा एक्सप्रेसवे: जानवरों के लिए विशेष पुल का निर्माण
विशेष एक्सप्रेसवे का निर्माण
केंद्र सरकार ने नागरिकों को बेहतर यातायात सेवाएं प्रदान करने के लिए एक्सप्रेसवे, हाईवे और सड़कों का निर्माण जारी रखा है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने देश में पहला ऐसा एक्सप्रेसवे तैयार किया है, जो न केवल मनुष्यों के लिए, बल्कि जानवरों के लिए भी सुरक्षित है।
जानवरों के लिए विशेष पुल
यह हाईवे प्रोजेक्ट राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व और चंबल घाटी जैसे इको-संवेदनशील क्षेत्रों से गुजरता है, जहां वन्यजीवों की सुरक्षित आवाजाही के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी विशेषता है भारत का पहला वाइल्डलाइफ ओवरपास, जो जानवरों को बिना किसी खतरे के सड़क पार करने की सुविधा प्रदान करता है।
पांच वाइल्डलाइफ ओवरपास का निर्माण
ये ओवरपास विशेष रूप से जानवरों के लिए बनाए गए हैं और इन पर पेड़-पौधों और घास की कवरिंग की गई है, जिससे जानवरों को यह प्राकृतिक जंगल जैसा अनुभव हो। कुल मिलाकर, ऐसे पांच वाइल्डलाइफ ओवरपास बनाए गए हैं, जिनकी लंबाई 500 मीटर है।
वन्यजीव अंडरपास का निर्माण
इस प्रोजेक्ट में भारत का सबसे लंबा वन्यजीव अंडरपास भी शामिल है, जिसकी लंबाई 1200 मीटर है। यह बाघ और भालू जैसे बड़े जानवरों को सड़क के नीचे सुरक्षित रूप से निकलने की अनुमति देता है। एक्सप्रेसवे के दोनों ओर ऐसी दीवारें बनाई गई हैं, जो जानवरों को सड़क पर आने से रोकती हैं।
प्रोजेक्ट की चुनौतियाँ
रणथंभौर, चंबल और पापड़ी जैसे संरक्षित क्षेत्रों में निर्माण कार्य करना काफी संवेदनशील रहा है। वन विभाग से निरंतर अनुमति और निगरानी के साथ कार्य किया गया। निर्माण स्थल पर बाघ और भालू जैसे जानवरों की उपस्थिति को देखते हुए, जानवरों और श्रमिकों की सुरक्षा के लिए विशेष टीमें और 24×7 निगरानी की व्यवस्था की गई।