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भारत का ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Ax-4 मिशन के लिए तैयार

भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला Ax-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरने जा रहे हैं। यह मिशन न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह भावनाओं और रिश्तों की भी कहानी है। शुभांशु ने अपनी पत्नी कामना के लिए एक भावुक संदेश लिखा है, जो इस यात्रा को और भी खास बनाता है। इस मिशन में भारत के साथ पोलैंड और हंगरी भी शामिल हैं, जो 40 वर्षों में पहला सरकारी स्तर पर प्रायोजित मानव अंतरिक्ष मिशन है। जानें इस ऐतिहासिक यात्रा के बारे में और शुभांशु की भावनात्मक विदाई के बारे में।
 

Ax-4 मिशन: एक ऐतिहासिक यात्रा

Ax-4 मिशन: भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अब Ax-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरने वाले हैं, एक महत्वपूर्ण क्षण का हिस्सा बनने जा रहे हैं। यह मिशन केवल तकनीकी या वैज्ञानिक उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भावनाओं, रिश्तों और प्रेरणा की एक गहरी कहानी भी है। जब वह नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे, तो उनके साथ एक व्यक्तिगत भावना भी होगी, जो उनकी पत्नी कामना के लिए लिखा गया एक भावुक संदेश है।


इस मिशन में भारत के अलावा पोलैंड और हंगरी भी शामिल हैं। यह इन देशों के लिए 40 वर्षों में पहला सरकारी स्तर पर प्रायोजित मानव अंतरिक्ष मिशन है। इस गौरवपूर्ण क्षण में भी, शुभांशु ने अपनी पत्नी और परिवार को नहीं भुलाया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर कामना के लिए लिखा कि इनमें से कुछ भी मायने नहीं रखता अगर तुम साथ न होतीं। यह संदेश लाखों लोगों के दिलों को छू गया।


Ax-4 मिशन की प्रमुख झलकियां और शुभांशु की भावनात्मक उड़ान

शुभांशु के नेतृत्व में ऐतिहासिक मिशन


Ax-4 मिशन के तहत, फाल्कन 9 रॉकेट से स्पेसएक्स ड्रैगन यान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर रवाना होगा। शुभांशु भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ेंगे।


पत्नी के नाम भावुक विदाई संदेश


शुभांशु ने इंस्टाग्राम पर लिखा, '25 जून को इस ग्रह को छोड़ने से पहले, मैं कामना का खास धन्यवाद करना चाहता हूं... आपके बिना यह सब संभव नहीं था।' उन्होंने कांच की दीवार से विदाई लेते हुए एक तस्वीर भी साझा की।


तीसरी कक्षा से आज तक साथ


कामना और शुभांशु की पहली मुलाकात लखनऊ के एक प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। कामना ने बताया, "वह हमारी कक्षा का सबसे शर्मीला लड़का था, जिसे मैं 'गुंजन' नाम से जानती थी। आज वही दुनिया के लिए प्रेरणा बन चुका है।"


भारत के अंतरिक्ष अभियान को मिलेगी रफ्तार


यह मिशन इसरो के गगनयान कार्यक्रम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका लक्ष्य 2027 में भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन और 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय की लैंडिंग है।