भारत का नया एयर डिफेंस सिस्टम: सुदर्शन चक्र
भारत की रक्षा क्षमताओं में सुधार
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में बताया कि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूत करने की दिशा में प्रयासरत है। उन्होंने उल्लेख किया कि एक अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम, जिसे 'सुदर्शन चक्र' कहा जाता है, पर काम चल रहा है, जिसका लक्ष्य 2035 तक इसे लागू करना है।
सुदर्शन चक्र का महत्व
जनरल चौहान ने एक सेमिनार में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को इस प्रणाली का उल्लेख किया था। उन्होंने इसे भारत का 'Iron Dome' या 'Golden Dome' बताया, जो देश की सामरिक सुरक्षा को और मजबूत करेगा और महत्वपूर्ण स्थलों की रक्षा करेगा।
सिस्टम की कार्यप्रणाली
यह प्रणाली एक साथ ढाल और तलवार की तरह कार्य करेगी, जिसमें दुश्मन के हवाई हमलों का पता लगाने, ट्रैक करने और उन्हें निष्क्रिय करने की क्षमता होगी। इसके लिए kinetic weapons और directed energy weapons का उपयोग किया जाएगा।
आवश्यकता और भविष्य की योजनाएं
सीडीएस ने कहा कि इस परियोजना की सफलता के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे और आधुनिक तकनीकी प्रक्रियाओं का विकास आवश्यक होगा। इसमें डिटेक्शन, एक्विजिशन और न्यूट्रलाइजेशन की उन्नत क्षमताएं शामिल की जाएंगी, जिससे भारत की वायु रक्षा और अधिक अभेद्य बनेगी।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि 'सुदर्शन चक्र' का सफल विकास भारत को वैश्विक स्तर पर अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों की श्रेणी में लाएगा और देश की सुरक्षा रणनीति को एक नया आयाम देगा।