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भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती पर आरबीआई का बयान

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिति को मजबूत बताया है। उन्होंने कम मुद्रास्फीति, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और संकीर्ण चालू खाता घाटे को इस मजबूती का श्रेय दिया। इसके अलावा, उन्होंने जीडीपी विकास दर के 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान भी जताया है। जानें और क्या कहा उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था के बारे में।
 

आरबीआई गवर्नर का बयान


कम मुद्रास्फीति और मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार का श्रेय


भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि भारत की मैक्रो-इकोनॉमिक स्थिति मजबूत बनी हुई है। उन्होंने बताया कि सरकार के नीति निर्माताओं और नियामकों के प्रयासों के कारण देश ने विपरीत परिस्थितियों में भी विकास की दिशा में प्रगति की है।


मल्होत्रा ने कम मुद्रास्फीति, मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार और संकीर्ण चालू खाता घाटे को इस मजबूती का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि भारत एक अस्थिर वैश्विक माहौल में स्थिरता का प्रतीक बन गया है।


विकास के अनुमानित रूझान

गवर्नर ने कहा कि अमेरिकी आयात शुल्क में वृद्धि और व्यापार प्रतिबंधों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने यह भी बताया कि विकास ने पूर्वानुमानित रुझानों को पीछे छोड़ दिया है।


हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि मौजूदा व्यापार नीति और बढ़ती पाबंदियां कुछ अर्थव्यवस्थाओं के लिए स्थायी नुकसान का कारण बन सकती हैं।


जीडीपी विकास दर का अनुमान

आरबीआई ने जीडीपी विकास दर को 6.8 प्रतिशत के स्तर पर बनाए रखने का अनुमान लगाया है, जबकि पहले यह 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई थी। मल्होत्रा ने इसके पीछे मानसून की अच्छी बारिश और जीएसटी की नई दरों को लागू करने के कारणों का उल्लेख किया।


उन्होंने कहा कि ये दोनों कारक भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेंगे।